फिर दिल्ली लौटेंगे किसान, रोकने के लिए पुलिस ने राजधानी के बॉर्डरों पर शुरू किए इंतजाम, टिकैत हिरासत में

फिर दिल्ली लौटेंगे किसान, रोकने के लिए पुलिस ने राजधानी के बॉर्डरों पर शुरू किए इंतजाम, टिकैत हिरासत में

प्रेषित समय :16:18:15 PM / Sun, Aug 21st, 2022

नई दिल्ली. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित अपनी कई और मांगों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली लौटने का प्लान बना रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने सोमवार को जंतर-मंतर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के आह्वान से पहले दिल्ली-हरियाणा को जोडऩे वाले टीकरी बॉर्डर पर सीमेंटेड बैरिकेड्स लगाने शुरू कर दिए हैं. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई. प्रदर्शन के लिए किसानों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है.

दिल्ली आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को भी रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक लिया. राकेश टिकैत अपने कुछ समर्थकों के साथ दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने मना कर दिया. इसके बाद टिकैत समर्थक सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस सभी को मधु विहार पुलिस एसीपी दफ्तर लेकर गई है.
टिकैत ने शुक्रवार को देशभर के किसानों से आह्वान किया था कि वे अपने मुद्दों के समाधान के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रव्यापी आंदोलन कब, कहां और किस तरह से होगा, एसकेएम के नेता उचित समय पर इस बारे में जानकारी देंगे.  

छह सितंबर को दिल्ली की बैठक में तय होगी आगे की रणनीति

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को बताया था कि केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को हटाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने संबंधी एक कानून बनाये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में चल रहा किसानों का धरना शीर्ष जिला अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद आज समाप्त हो गया. किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि छह सितंबर को दिल्ली में एक बैठक के दौरान एसकेएम की भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी.

एसकेएम ने गुरुवार सुबह लखीमपुर शहर के राजापुर मंडी समिति में अपना धरना शुरू किया था. एसकेएम ने गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने, जेलों में पड़े निर्दोष किसानों की रिहाई, एमएसपी गारंटी कानून, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, गन्ना बकाये का भुगतान और सरकार के भूमि अधिकार समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया था. लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पैतृक जिला है और वह खीरी से लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में अजय मिश्रा के गांव जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध करने के दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बतौर मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार किया गया है. किसानों की मांग है कि इस मामले को लेकर अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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