पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी है. राजनैतिक संगठन को मजबूत करने, विधायक, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने में जुट गए है. जिसके चलते प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने आज भोपाल में बैठक की. बैठक पार्टी के विधायकों व पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में बाल कांग्रेस बेहतर काम कर रही है. उनमें उत्साह ज्यादा दिखाई दे रहा है. यदि आपके पास पार्टी व संगठन के लिए समय नहीं है तो अभी बता दें, हम तत्काल बदलाव कर नए व मेहनती लोगों को मौका देगें.
बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बैठक में शामिल विधायकों, जिला प्रभारी, सह प्रभारी के अतिरिक्त विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आपसी विवादों को छोड़कर पार्टी व संगठन को मजबूत करने की दिशा में कार्य करें. यदि किसी के पास समय नहीें है तो वे अभी बता दे, ऐसे पदों पर हम मेहनती कार्यकर्ताओं को जगह देगें. जो पार्टी के लिए हर वक्त समर्पित भाव से काम करेगे, ऐसे कार्यकर्ताओं की पार्टी को जरुरत है. बैठक में विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई है. हालांकि प्रदेश अध्यक्षक कमलनाथ ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के कमान अपने हाथ में ले ली है. वे विधायकों व व्यक्ति विशेष के बजाए संगठन की कमान जिला प्रभारियों व सह प्रभारियों के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं. विधायकों से जिलाध्यक्षों का प्रभार वापस लेकर फुल टाइम कार्यकर्ता को जिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है. बैठक में कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव में निष्क्रिय व गड़बड़ी करने वाले जिला अध्यक्षों को बाहर का रास्ता दिखाने के भी संकेत दे दिए है. इनके स्थान पर सक्रिय व जुझारु कार्यकर्ताओं को मौका देने की बात कही है. चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि कमलनाथ चाहते है कि संगठन का काम कांग्रेस की विचारधारा वाले कार्यकर्ता को ही दिया जाए. इसके अलावा बूथ से लेकर ब्लाक व जिला स्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारी व सह प्रभारियों के हाथ में हो. दूसरी ओर नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण से लेकर निगम अध्यक्ष, एमआईसी सदस्यों को लेकर कांग्रेस के विधायकों से लेकर पदाधिकारियों के बीच विवाद गहरा गया था. ऐसे स्थिति जबलपुर में भी बनी. मुरैना कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राकेश मावई ने व्यक्तिगत काम का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. कमलनाथ ने नाराज विधायकों को अपने बंगले पर बुलाकर बातचीत की. बैठक में जबलपुर से विधायक तरुण भनोट, लखन घनघोरिया, विनय सक्सेना, संजय यादव सहित पार्टी के पदाधिकारी भी शामिल हुए है. इसके अलावा प्रदेश भर से कांग्रेस के विधायक व पदाधिकारी भी पहुंचे. खबर यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास कई ऐसे कांग्रेस नेताओं की रिपोर्ट भी पहुंची है जिन्होने नगर पालिका, नगर परिषद व जनपद अध्यक्ष बनने के लिए अघोषित रुप से भाजपा को समर्थन दिया है. ये नेता भाजपा नेताओं के साथ करीबियां भी बढ़ा रहे है. इन सभी को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जिन्हे आगामी विधानसभा चुनाव के पहले बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी: मौसम विभाग ने इन शहरों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट
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