पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियमों में बदलाव किया है, जिसके चलते 25 प्रतिशत सीधी भर्ती व 75 पदों को प्रमोशन से भरने के आदेश जारी किए गए, विभाग ने जैसे ही चिकित्सकों के पदोन्नति की सूची तैयार की तो पता चला कि डाक्टरों की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) ही नहीं मिल रही है. करीब एक हजार डाक्टरों की सीआर के गायब होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा है.
सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2018 में सीआर का सिस्टम ऑनलाइन कर दिया था, इसके बाद भी डाक्टरों की सीआर नहीं मिल रही है, जिसके चलते परेशान डाक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की है, स्पेरो पोर्टल पर चिकित्सकों की सीआर को ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था रही इसके बाद भी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन से लेकर स्वास्थ्य निदेशक लेवल के चिकित्सकों की सीआर नहीं मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सीएचसी में सेवाए दे रहे चिकित्सा अधिकारियों को विशेषज्ञ के रुप में पदोन्नत किया जा सकता है लेकिन प्रदेश में 1300 मेडिकल अधिकारियों में करीब 50 प्रतिशत की सीआर ही गायब हो गई है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभग ने पीजी मेडिकल अधिकारियों के 75 प्रतिशत पदों को प्रमोशन से भरने का आदेश जारी किया था, जिसके चलते अस्पतालों में काम कर रहे निश्चेतना विशेषज्ञ, ईएनटी, मेडिकल, स्त्री रोग, नेत्र रोग, अस्थि रोग, शिशु रोग, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, डेंटल सर्जन व सर्जरी विशेषज्ञ पीजी डिग्री, डिप्लोमाधारी डॉक्टर प्रमोट होंगे. पीजी डिग्री, डिप्लोमा पूरा होने के बाद दो साल वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान हासिल कर चिकित्सक के पद पर काम वाले या पीजी डिग्री डिप्लोमा के बाद 3 साल की रेगुलर सर्विस अवधि पूरी करने वाले डॉक्टरों को प्रमोशन की मंजूरी दी गई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश सरकार की मंत्री ने कहा: मुसलमानों को अपना आदर्श बनाओ, हिन्दू भी उनके जैसे कट्टर बने
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