दिल्ली. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही 1 अप्रैल से 30 जून 2022 तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद 13.5 प्रतिशत रहा. हालांकि यह भारतीय रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 16.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के अनुमान से कम है. हालांकि अनुमानों से कम ग्रोथ के बावजूद राहत ये है कि आंकड़े डबल डिजिट में ही हैं और जून तिमाही की ग्रोथ एक साल में सबसे अधिक रही है.
वहीं पिछले साल की जून तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. तीसरी तिमाही में इसमें सुस्ती देखने को मिली और ग्रोथ 5.4 प्रतिशत पर और नीचे फिसल गई. चौथी तिमाही में इसमें और गिरावट दर्ज हुआ और ये 4.1 प्रतिशत पर आ गई. इस साल की जून तिमाही में ग्रोथ एक बार फिर 10 प्रतिशत के पार पहुंच गई है.
आंकड़ों के अनुसार तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 4.8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा है. वहीं कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 16.8 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. तिमाही की सबसे अहम बात निजी खपत का बढ़ना है. तिमाही के दौरान इसमें 26 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है.
पहली तिमाही में रियल जीडीपी 36.85 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है. जो कि एक साल पहले 32.46 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर थी. जो कि 13.5 प्रतिशत ग्रोथ के बराबर है. भारत की ये ग्रोथ का आंकड़ा इसलिए भी अहम है, क्योंकि पहली तिमाही के दौरान चीन की वृद्धि दर सिर्फ 0.4 प्रतिशत रही है. तिमाही के दौरान कृषि सेक्टर की ग्रोथ 4.5 प्रतिशत रही है, इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 14.7 प्रतिशत पर है.
जानकारों के अनुसार ग्रोथ डबल डिजिट में भले रही हो लेकिन कई अनुमानों के मुकाबले ये आंकड़े कम रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में 15.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया था. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति संबंधी बैठक में कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 प्रतिशत रहने की संभावना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आज जारी होंगे जीडीपी के ऑफिशियल आंकड़े, एसबीआई ने किया दावा 8.5 प्रतिशत रहेगी विकास दर
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