मेष-,,गणेश - वक्रतुंड का पूजन करें. मंत्र - ॥-ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ -भोग - छुआरा और गुड़ के लड्डू
वृष- गणेश - विनायक मंत्र - ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं.
भोग- मिश्री, शक्कर, नारियल से बने लड्डू
मिथुन- गणेश- लक्ष्मीगणेश मंत्र - ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वशमानयं स्वाहा॥ भोग- मूंग के लड्डू, हरे फल.
कर्क- गणेश- वक्रतुंड मंत्र - ॥ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ भोग - मोदक के लड्डू, मक्खन, खीर.
सिंह-गणेश - लक्ष्मी गणेश मंत्र - ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वशमानयं स्वाहा॥ भोग- गु़ड़ से बने मोदक के लड्डू व लाल फल
कन्या- गणेश- लक्ष्मीगणेश मंत्र- ॐ गं गणपतयै नमः या ॐ श्रीं श्रियैः नमः॥ भोग- हरे फल, मूंग की दाल के लड्डू व किशमिश.
तुला- गणेश- शक्तिविनायक मंत्र- ॥ ॐ ह्रीं, ग्रीं, ह्रीं॥
भोग- मिश्री, लड्डू और केला.
वृश्चिक-गणेश- वक्रतुंड मंत्र- ॥ ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ भोग- छुआरा और गुड़ के लड्डू
धनु- गणेश- हरिद्रारूप मंत्र- हुं गं ग्लौं हरिद्रागणपतयै वरवरद दुष्ट जनहृदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा॥ भोग- मोदक व केला.
मकर- गणेश - लम्बोदर मंत्र- ॐ लम्बोदराय नमः भोग- मोदक के लड्डू, किशमिश, तिल के लड्डू.
कुंभ- गणेश- सर्वेश्वर रूप मंत्र- ॐ सर्वेश्वराय नमः. भोग- गुड़ के लड्डू व हरे फल.
मीन- गणेश- सिद्धि विनायक मंत्र- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः. भोग- बेसन के लड्डू, केला, बादाम.
श्री गणेशाय नमः गणपति देवा 1) " गणेश जी " की दो पत्नियां: " रिद्धि और सिद्धि
2) " गणेश जी " का प्यारा वाहन: " मूषक ".
3) " गणेश जी " का प्यारा भोग: "मोदक और लड्डू".
4) " गणेश जी ' का सिर: " हाथी का " अर्थात गणेश जी का मस्तिष्क किसी भी बात को धीरज रखकर व्यापक ढंग से समझने की ओर इंगित करता है.
5) " गणेश जी " की छोटी आँखें: अर्थात " सूक्ष्म दृष्टी ".
6 )" गणेश जी " के लम्बे सुपाकार कान: अर्थात: दुसरे की बात सुनने के लिए हमेशा कान खुले रखे . लेकिन झूठ - सच को जानकार केवल सच को ग्रहण करे.
7) " गणेश जी " का एक दांत: अर्थात एक ही बार में काम पूरा करे अधूरा न छोड़े .
8 ) " गणेश जी " की लम्बी सूंड अर्थात दूरदर्शिता .
9) " गणेश जी " की वरमुद्रा अर्थात हर काम को आत्मविश्वास से करे .
तो चलिए " गणेश पूजन " के लिए . . " मोदक . . लड्डू . . दुर्वा " तो आपने अपने साथ ले ही ली होगी . . . . " संकट नाशक गणेश स्त्रोत " का पाठ करना मत भूलियेगा .
एक ओर बात . " गणेश जी " को " साबुत हरा मुंग . . गुडहल का फूल " अवश्य चढ़ाना चाहिए .
अगर क़र्ज़ अधिक हो गया है - तो " ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत " का पाठ अवश्य करे.
Koti Devi Devta
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