नई दिल्ली. गुजरात दंगों से जुड़े साजिश मामले में एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच में करीब 1 घंटे 10 मिनट से ज्यादा देर तक सुनवाई हुई. आदेश सुनाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि तीस्ता गिरफ्तारी के बाद से या तो रिमांड या कस्टडी में रहीं. उन्हें अब जेल में रखा नहीं जा सकता है.
30 अगस्त को गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीस्ता की जमानत का विरोध किया था. सरकार ने कहा- तीस्ता के खिलाफ एफआईआर न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है, बल्कि सबूतों द्वारा समर्थित है. अब तक की गई जांच में स्नढ्ढक्र को सही ठहराने के लिए उस सामग्री को रिकॉर्ड में लाया गया है, जो स्पष्ट करती है कि आवेदक ने राजनीतिक, वित्तीय और अन्य भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक कृत्य किए थे.
सुको की टिप्पणी के बाद गुजरात पुलिस ने किया था गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को 24 जून को खारिज कर दिया था. याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी. जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले में को-पेटिशनर तीस्ता ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया. कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी. जिसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 25 जून को तीस्ता को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात पे निगाहें, राजस्थान पे निशाना! इसीलिए.... फिर सीएम अशोक गहलोत पर मीडिया अटैक?
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