किसानों के लिए आये यूरिया में गोलमाल के मामले में सीएम सख्त, एफआईआर दर्ज, कई गोदामों में छापामारी

किसानों के लिए आये यूरिया में गोलमाल के मामले में सीएम सख्त, एफआईआर दर्ज, कई गोदामों में छापामारी

प्रेषित समय :17:16:30 PM / Fri, Sep 9th, 2022

जबलपुर. एमपी के जबलपुर सहित मंडला, डिंडोरी, दमोह, सिवनी जिले में कम पहुंची यूरिया का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. संभागायुक्त के निर्देशन के बाद विपणन संघ व कृषि विभाग की टीम द्वारा शुक्रवार को पाटन बेनीखेड़ा स्थित गायत्री वेयरहाउस में छापेमारी की. जहां से लगभग 120 मेट्रिक टन यूरिया बरामद की गई जिसमें डीएमके फर्टिलाइजर कि 80 मेट्रिक टन और मधु फटिज़्लाइजर की 49 मेट्रिक टन यूरिया बरामद की गई है. अधिकारियों की मानें तो यह वही यूरिया को मंडला डिंडोरी आदि जिलों में भेजी जान थी, लेकिन कंपनी के अधिकारियों डीलर स्टॉकिस्ट और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से यह यूरिया निजी गोदामों में भेज दी गई. अब इसे ट्रकों के माध्यम से मंडला और डिंडोरी भेजने की व्यवस्था की जा रही है.

दर्ज होगी एफआईआर

इस पूरे मामले में कृषि विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो वे विभागीय स्तर पर अधिकारियों से मशवरा कर रहे हैं जिसके बाद उक्त डीलर और स्टॉकिस्ट के खिलाफ एफआईआर दजज़् करी जाएगी. जिसमें अमानत में खयानात का मामला दजज़् होगा जिसको लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर में बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद संभागायुक्त को जानकारी दी जाएगी और फिर पुलिस कप्तान से मशवरा लेकर मामला दर्ज होगा.

ऐसे हुआ है खेल

इस पूरे मामले मे कृभको कंपनी ने जो रेक जबलपुर भेजा था, उससे जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, दमोह सिवनी जिलों में 1853 मेट्रिक टन यूरिया डबल लॉक गोदाम यानी सरकारी गोदामों में भेजना थी. नियमों के मुताबिक कंपनी ही ट्रांसपोर्टर की व्यवस्था करके यह परिवहन का काम करती है. जिसके लिए उसके डीलर और स्टॉकिस्ट सप्लायर की भूमिका निभाते हैं, लेकिन इस मामले में कंपनी के डीलर स्टॉकिस्ट द्वारा 833 मेट्रिक टन यूरिया तो भेज दी गई, लेकिन 1020 मेट्रिक टन यूरिया निजी गोदामों में जमा करवा दी गई. यह पूरा मामला जैसे ही अधिकारियों की नजर में आया तो उक्त डीलर डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा दूसरे जिलों में परिवहन प्रारंभ कर दिया गया.

मोटे मुनाफे की व्यवस्था

इस पूरे कारनामे के पीछे खेल है मोटे मुनाफे का, क्योंकि सरकार द्वारा जो यूरिया शासकीय समितियों के माध्यम से बेची जाती है, उसकी कीमत लगभग 270 रुपए प्रति बोरी है. वहीं बाजार में यही यूरिया 350 से 450 रुपए प्रति बोरी तक बेची जाती है. जिसके चलते डीलर और स्टॉकिस्ट मोटा मुनाफा कमाते हैं. वर्तमान समय में धान की फसल के लिए किसानों को यूरिया की बड़ी मात्रा में आवश्यकता है जिसका फायदा उठाने के लिए यह पूरा खेल खेला गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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