रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली 30 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो गई है. यह दर वीसीए (वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट) चार्ज में बढ़ा है. इसके तहत बिजली कंपनी कोयले की कीमत में कमी अथवा वृद्धि होने की स्थिति में अपनी दरों को विनियमित करती है. बताया जा रहा है, ऐसा विदेशों से आने वाले कोयले से बनी बिजली खरीदने की वजह से हुआ है. राज्य सरकार की कंपनी
एनटीपीसी से जो बिजली खरीद रही है, उसके एवज में हर महीने 120 करोड़ रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं.
ऊर्जा विभाग की ओर से बताया, ताप विद्युत केन्द्रों को पर्याप्त मात्रा में घरेलू कोयला उपलब्ध नहीं होने के कारण केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने अधिकतम 15% आयातित कोयला उपयोग करने की अनुमति दी है. कंपनियों से यह अपेक्षा की गई है कि कुल आवश्यकता का 9% कोयला आयात ही किया जाए. अधिकारियों ने बताया, जून 2022 से नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन-NTPC के कुछ पावर प्लान्टों में 10 से 15% तक आयातित कोयले का उपयोग किया जा रहा है. आयातित कोयले की दर घरेलू कोयले की दर के मुकाबले 4 से 6 गुना अधिक है. इस कारण आयातित कोयले से बन रही बिजली की दर भी 4 से 6 गुना अधिक होती है.
जनवरी से मार्च तक एनटीपीसी के संयंत्रों से छत्तीसगढ़ में खरीदी जा रही बिजली में केवल उर्जा प्रभार की औसत दर 1.97 रुपये प्रति यूनिट थी. जून से अगस्त के मध्य इसका औसत 2.78 रुपए प्रति यूनिट हो गई है. यानी इन महीनों के बीच इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया,बिजली खरीदी की दर में बढ़ जाने से एनटीपीसी को प्रति माह लगभग 120 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है. प्रदेश की जरूरत का करीब 40 प्रतिशत बिजली एनटीपीसी से खरीदी जाती है. इसकी वजह से उपभोक्ताओं पर लगभग 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से वीसीए चार्ज लगाया जा रहा है.
पहले 400-450 करोड़ की औसत खरीदी थी
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एमडी मनोज खरे ने बताया, एक-दो महीने पहले तक एनटीपीसी से खरीदी गई बिजली का बिल 400 करोड़ से 450 करोड़ रुपए महीने का आता था. इस महीने यह बिल 610 करोड़ रुपए का आया है. अगले महीने 638 करोड़ रुपया आ रहा है. इसके पीछे आयातित कोयला बड़ी वजह है. इसके अलावा भी कई कारक मिलकर बिजली को महंगा कर रहे हैं.
क्या होता है यह वीसीए चार्ज
अफसरों ने बताया कि बिजली कंपनी के कुल खर्च का 75 से 80 प्रतिशत हिस्सा बिजली खरीदने का होता है. यह खर्चा बिजली उत्पादन में लगने वाले कोयले की कीमत में कमी अथवा वृद्धि की वजह से घटता बढ़ता रहता है. बिजली का टैरिफ वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले राज्य विद्युत विनियामक आयोग तय करता है. उसके बाद अगर कीमतों में कमी-अधिकता हुई तो बिजली कंपनी पर पडऩे वाले अतिरिक्त भार को इस वीसीए चार्ज के जरिए ही संतुलित किया जाता है. इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) में बकायदा प्रावधान किया गया है. यह चार्ज प्रत्येक दो महीनों में बदल जाता है.
नियामक आयोग ने अप्रैल में ही बढ़ाई थी दर
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अप्रैल 2022 में ही बिजली दरों का नया टैरिफ जारी किया था. इसमें बिजली को 2.31त्न महंगा किया गया था. इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 10 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ाई गई थी. अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 15 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ी.
ऐसे समझिए उपभोक्ताओं पर असर
अप्रैल में बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को प्रत्येक 100 यूनिट पर बिल में 10 रुपए की वृद्धि हो गई थी. वीसीए चार्ज में 30 पैसे की वृद्धि होने पर यह प्रति 100 यूनिट पर 30 रुपए बढ़ जाएगा. अधिक खर्च पर यह रकम बढ़ती जाएगी. 1000 यूनिट खर्च पर यह 300 रुपए तक हो जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी दर्ज है ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी के प्रकरण
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