श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस से अलग होने के बाद लगातार सक्रिय हैं. आजाद ने जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा के दौरान कहा कि वह राज्य के विशेष दर्जे की बहाली की गारंटी नहीं दे सकते, लेकिन वह केंद्र शासित प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य की वापसी की गारंटी दे सकते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस से इस्तीफे के बाद पार्टी के अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने से पहले घाटी में अपनी सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने की योजना के तहत आजाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. घाटी में आजाद की यह दूसरी जनसभा थी. इसी दौरान उन्होंने उपरोक्त बातें कहीं.
गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में कहा कि मैं गारंटी देता हूं कि हमें पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिलेगा. राज्यसभा में मेरे एक दर्जन भाषणों के कारण, मैंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को यह स्वीकार करने के लिए बाध्य किया कि वे जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस देंगे. हमें पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा और जब हम इसे प्राप्त कर लेंगे, तो मैं यहां के लोगों को भूमि और नौकरी के अधिकार की गारंटी दूंगा. आजाद ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से अनुच्छेद 370 की बहाली, स्वायत्तता या स्व-शासन का वादा नहीं कर सकते, लेकिन सम्मानजनक जीवन और विकास का वादा जरूर कर सकते हैं.
आजाद ने कहा के जो लोग धारा 370 की बहाली का वादा करते हैं, उन्हें करने दें. लेकिन उन्हें पूछें कि उनके पिछले वादों का क्या हुआ? वे आप लोगों पर एक और वादा क्यों थोप रहे हैं? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दजा संसद या सुप्रीम कोट के जरिए वापस किया जा सकता है. उन्होंने कहा के लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मेरे तमाम प्रयासों के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी के फैसले के पक्ष में 86 प्रतिशत वोट पड़े और कांग्रेस, जिसका मैं तब हिस्सा था, को केवल 14 प्रतिशत वोट मिले.
आजाद ने कहा के एक विकल्प सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. मैं प्रार्थना करता हूं कि शीर्ष अदालत इसे जल्दी करे, लेकिन पिछले तीन साल से फाइल एक कोने में धूल फांक रही है. अदालत इस मामले का कब संज्ञान लेगी और उसका क्या निर्णय होगा. क्या कश्मीर से कोई मुझे गारंटी दे सकता है कि यह 6 महीने में होगा और फैसला उनके पक्ष में होगा.
गुलाम नबी आजाद इसका दावा नहीं कर सकता. मोदी साहब भी इसका दावा नहीं कर सकते. गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के दोनों सदनों को इस बारे में सूचित किया था. साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. जम्मू-कश्मीर को भी पूर्ण राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कुछ हालात की वजह से और कुछ बदकिस्मती से कांग्रेस छोडऩी पड़ी: गुलाम नबी आजाद
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