भोपाल. मध्यप्रदेश एटीएस ने शुक्रवार को इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 4 पदाधिकारियों को एनआईए कोर्ट भोपाल में पेश किया. चारों आरोपियों को कोर्ट ने 30 सितंबर तक एटीएस को सौंप दिया है. एटीएस ने रिमांड के लिए दलील दी कि आरोपियों से पूछताछ करनी है, सबूत जुटाने हैं. इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपियों का मकसद समुदाय विशेष के युवाओं को भड़का कर देश में कट्टरता पैदा करना था. भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करने के एजेंडे के तहत यह अभियान में जुटे थे. कोर्ट में रिमांड पर सुनवाई हुई, अभियुक्तों की ओर से वरिष्ठ वकील अतहर अली ने पक्ष रखा.
कोर्ट सुनवाई के कुछ बिंदु
अली ने कोर्ट से पूछा- हमारे मुवक्किल को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है?
एटीएस के वकील- देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं.
अली- इन्हें कहां रखा जाएगा.
कोर्ट- अभी भोपाल में, पूछताछ के लिए जरूरत पड़ी तो बाहर भी जा सकते हैं.
अली- इनकी सुरक्षा का हवाला देते हुए, देश में लारी (गाड़ी) पलट जाती हैं. इनके सुरक्षा के क्या इंतजाम रहेंगे.
जज- अपने प्रदेश में ऐसा नहीं होता, आप बेफिक्र रहिए.
इसके बाद विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने चारों आरोपियों को 30 सितंबर तक एटीएस को रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया. सूत्रों की माने तो एटीएस उन्हें गुप्त स्थान पर रख सकती है. जरूरत पडऩे पर एनआईए इन्हें ट्रांजिट रिमांड मांग कर दिल्ली भी ले जा सकती है.
बता दें, इंदौर से पीएफआई के प्रदेशाध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला, अब्दुल जावेद और मुमताज कुरैशी, उज्जैन के जमील शेख को कोर्ट में पेश किया. इनके पास से संदिग्ध और भड़काऊ दस्तावेज भी जब्त किए हैं.
इन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया
1. अब्दुल करीम बेकरीवाला पिता अब्दुल रहीम अब्बासी, प्रदेश अध्यक्ष, इंदौर.
2. अब्दुल खालिद पिता अब्दुल कयूम, जनरल सेक्रेटरी, इंदौर.
3. मोहम्मद जावेद पिता मोहम्मद साबिर, प्रदेश कोषाध्यक्ष, इंदौर.
4. जमील शेख पिता अब्दुल अजीज, प्रदेश सचिव उज्जैन.
कोर्ट में वकीलों की भीड़ रही तैनात
आरोपियों को कोर्ट में भारी सुरक्षा के बीच लाया गया. शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे आरोपियों को एटीएस ट्रेवलर में लेकर कोर्ट पहुंची. उन्हें सीधे कोर्ट ले जाया गया. कागजी कार्रवाई चल ही रही थी कि अचानक कोर्ट रूम की बिजली बंद हो गई. इससे करीब आधा घंटे तक सुनवाई प्रभावित हुई. बिजली आने के बाद सुनवाई शुरू हो सकी. इस दौरान आरोपियों के चेहरे पर नकाब डालकर ्रञ्जस् की टीम बिठाए रखी. उनके आसपास भी किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं थी. उनका पक्ष रखने कई वकील पहुंचे, लेकिन आरोपी सबको मना करते रहे. वह कहते रहे कि हमने वकील कर लिया है. आपकी जरूरत नहीं है.
एनआईए के इनपुट पर देशभर में एक साथ हुई कार्रवाई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कई ठिकानों पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और ईडी ने छापेमारी की थी. 15 राज्यों से पीएफआई से जुड़े कुल 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनमें संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल हैं. मध्यप्रदेश के इंदौर से पीएफआई के तीन और उज्जैन से एक सदस्य को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. एनआईए समेत प्रदेशों की सुरक्षा एजेंसियों के करीब 200 अधिकारी इस रेड में शामिल रहे. इस संगठन पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप है. जांच एजेंसियों ने यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान में जारी है.
देश के 23 राज्यों में सक्रिय है संगठन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था. ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे. पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छापों के विरोध में पीएफआई ने बुलाया केरल बंद हुआ हिंसक, तमिलनाडु में भी की गई तोडफ़ोड़
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