सुप्रीम कोर्ट ने वड़ोदरा स्टेशन भगदड़ मामले में शाहरुख खान को दी बड़ी राहत, कहा- इस आदमी का क्या कुसूर

सुप्रीम कोर्ट ने वड़ोदरा स्टेशन भगदड़ मामले में शाहरुख खान को दी बड़ी राहत, कहा- इस आदमी का क्या कुसूर

प्रेषित समय :20:21:52 PM / Mon, Sep 26th, 2022

नई दिल्ली. मशहूर हस्तियों के पास अन्य सभी नागरिकों की तरह अधिकार हैं और उन्हें परोक्ष तौर पर दोषी नहीं बनाया जा सकता है. बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ये टिप्पणी कीं. इसके साथ ही 2017 में फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान वड़ोदरा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर आपराधिक मामला बहाल करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. फिल्म के प्रमोशन के दौरान मची भगदड़ में एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.

इसी साल अप्रैल में गुजरात उच्च न्यायालय ने भी अभिनेता के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द कर दिया गया था. गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा, इस आदमी (शाहरुख खान) का क्या दोष था? सिर्फ इसलिए कि वह एक सेलिब्रिटी हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास कोई अधिकार नहीं है.

अदालत ने कहा कि शाहरुख खान से ट्रेन से यात्रा करते समय सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने या व्यक्तिगत गारंटी प्रदान करने की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोर्ट ने कहा, अगर कोई ट्रेन से यात्रा करता है, तो यह कोई व्यक्तिगत गारंटी नहीं है. एक सेलेब्रिटी को भी देश के हर नागरिक की तरह समान अधिकार हैं. पीठ ने आगे कहा- वह (खान) एक सेलिब्रिटी हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हर किसी को कंट्रोल कर सकते हैं. इसलिए ऐसे मामलों पर अधिक समय बर्बाद न करें, महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करें जो इस अदालत के ध्यान और समय के लायक हैं. शाहरुख खान का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और करंजावाला एंड कंपनी के वकीलों की एक टीम के माध्यम से किया गया था.

23 जनवरी, 2017 को वडोदरा रेलवे स्टेशन पर अगस्त क्रांति एक्सप्रेस के आगमन पर खूब हंगामा हुआ था. इस ट्रेन से शाहरुख खान फिल्म का प्रचार करने के लिए यात्रा कर रहे थे. जब ट्रेन वडोदरा रेलवे स्टेशन पर रुकी तो हजारों लोग शाहरुख की झलक पाने को बेताब थे. इसी दौरान हुई भगदड़ में एक स्थानीय राजनेता फरहीद खान पठान की रेलवे स्टेशन पर दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई थी. इस घटना में कुछ अन्य घायल हो गए क्योंकि शाहरुख खान ने फिल्म के नाम वाली टीशर्ट और कुछ प्रचार सामग्री भीड़ की तरफ उछाली थी.

उस वर्ष बाद में, वडोदरा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने एक स्थानीय कांग्रेस नेता जितेंद्र सोलंकी की शिकायत पर शाहरुख खान को समन जारी किया था. स्थानीय अदालत ने खान को यह देखते हुए समन जारी किया कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 337 और 338 के तहत मामले में कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं.

हालांकि, इस साल अप्रैल में, उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शाहरुख खान को आपराधिक लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है और न ही यह कहा जा सकता है कि उनके कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सटीक कारण थे. इसने यह भी बताया कि शाहरुख खान के पास प्रमोशन के लिए प्रशासन की अनुमति थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी आदेश को बरकरार रखा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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