पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित तहसील आफिस में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया. जब लोकायुक्त टीम के अधिकारियों ने एसडीएम के क्लर्क इंद्रजीतसिंह धूरिया को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. क्लर्क द्वारा मुआवजा राशि के भुगतान क रने रिश्वत की मांग कर रहा था.
इस संबंध में लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि तिलवारा घाट निवासी अविकास दुबे के पिता कृष्णकुमार दुबे उम्र 30 वर्ष के की तिलवारा घाट में पक्की चार दुकानों का अधिग्रहण किया गया था. जिसके मुआवजा की राशि 1 लाख 94 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया था. उक्त मुआवजा राशि को निकलवाने के लिए अविकास दुबे ने तहसील कार्यालय में एसडीएम जबलपुर के यहां आवेदन दिया. जिसपर एसडीएम के क्लर्क इंद्रजीत सिंह पिता स्वर्गीय द्वारका प्रसाद धूरिया ने पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग की. बाबू द्वारा रिश्वत की मांग करने की शिकायत अविकास दुबे ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की. इसके बाद आज अविकास दुबे तहसील कार्यालय पहुंचा और क्लर्क इंद्रजीतसिंह धूरिया को जैसे ही पांच हजार रुपए की रिश्वत दी. तभी लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर स्वप्रिल दास, रंजीतसिंह सहित टीम के अन्य सदस्यों ने क्लर्क इंद्रजीतसिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया. लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़े ही इंद्रजीतसिंह के हाथ से रिश्वत के रुपए गिर गए. क्लर्क इंद्रजीत के रिश्वत लेते पकड़े जाने से तहसील कार्यालय में हड़कम्प मच गया, अन्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बाहर निकल आए, जिनके बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीबीआई ने रिश्वत लेते मध्य रेलवे के पीसीएमई सहित तीन को रंगे हाथों पकड़ा
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