श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपनी आबकारी नीति में बदलाव करते हुए प्रदेश के बड़े शहरों की प्रमुख किराना दुकानों और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और अन्य रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने की अनुमति प्रदान कर दी है. जानकारी के अनुसार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की प्रशासनिक परिषद की पिछले सप्ताह श्रीनगर में हुई बैठक में शहरी क्षेत्रों में बीयर और अन्य रेडी-टू-ड्रिंक पेय पदार्थ बेचने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स को अधिकृत करने के प्रस्ताव को अनुमति दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किराना दुकान और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में मिलने वाले रेडी-टू-ड्रिंक पेय पदार्थों की सूची में बीयर के अलावा अल्कोहलिक और नन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स शामिल हो सकते हैं. नन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स में आइस्ड टी, चॉकलेट मिल्क, इनर्जी ड्रिंक आदि शामिल हो सकते हैं, जबकि अल्कोहलिक ड्रिंक में हार्ड लेमनेड, हार्ड कोला और वोदका आदि शामिल हो सकते हैं.
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक परिषद ने जम्मू और कश्मीर शराब लाइसेंस और बिक्री नियम, 1984 और आबकारी नीति, 2023-24 में प्रावधानों को शामिल करने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और रेडी टू ड्रिंक पेय पदार्थों की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस जेकेईएल-2ए प्रदान करने की मंजूरी दी है.
वहीं बताया जा रहा है कि सभी डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर बीयर की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. केवल वैसे ही डिपार्टमेंटल स्टोर इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए योग्य होंगे, जो कमर्शियल कांप्लेक्स में हों और जिनका क्षेत्र न्यूनतम 1200 वर्ग फुट हो.
इसके साथ ही जम्मू और श्रीनगर शहर में स्थित ऐसे डिपार्टमेंटल स्टोर का सालाना टर्नओवर कम से कम पांच करोड़ हो और अन्य जिलों के शहरी इलाकों में जिन डिपार्टमेंटल स्टोरों का सालान टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक हो. इसके अलावा 10 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले डिपार्टमेंटल स्टोर्स, जिनकी पूरी चेन हो, अपने प्रत्येक स्टोर के लिए अलग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए योग्य हैं.
इतना ही नहीं, आवेदन करने की तारीख से 12 महीने पहले से डिपार्टमेंटल स्टोर खुले होने चाहिए. हालांकि यह शर्त डिपार्टमेंटल स्टोर की चेन से संबंधित नए या हाल ही में खोले गए डिपार्टमेंटल स्टोर के मामले में लागू नहीं होगी, जिसका वार्षिक कारोबार 10 करोड़ रुपए से अधिक है.
इसके अलावा ये डिपार्टमेंटल स्टोर्स कम से कम छह किराना आइटमों में फ्रोजन खाद्य पदार्थ, कन्फेक्शनरी, बेकरी आइटम, प्रसाधन सामग्री, घरेलू सामान, बर्तन, खेल सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, परिधान और स्टेशनरी की बिक्री कर रहे हों. वहीं इस निर्णय के अनुसार पेट्रोल पंपों पर स्थापित डिपार्टमेंटल स्टोर के लिए लाइसेंस प्रदान करने के लिए आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमित शाह की कश्मीर में दो टूक- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, मैं पाक से नहीं करूंगा बात
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