पलपल संवाददाता, जबलपुर. ईसाई धर्मगुरु पूर्व बिशप पीसी सिंह की जर्मनी यात्रा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के मॉडरेटर रहे जबलपुर स्थित एक डायोसिस के पूर्व बिशप सिंह पर करीब एक माह पहले जर्मनी में 15 अक्टूबर 2022 को विश्व भूख सूचकांक (वल्र्ड हंगर इंडेक्स) सूची जारी करने वाले ईसाई संस्था के प्रतिनिधियों से मिलने की खबर है. हालांकि पूर्व बिशप की जर्मनी प्रवास के विस्तृत विवरण की जानकारी के बारे में कहीं से भी कोई पुष्टि नहीं हुई है. याद रहे कि पूर्व बिशप सिंह मध्यप्रदेश के जबलपुर में न्यायिक हिरासत में है. लगभग एक माह पहले आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने पीसी सिंह के निवास स्थान पर छापा मारकर करोड़ों की नकदी सहित विदेशी धन बरामद किया था.
उल्लेखनीय है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मामले को लेकर देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी ग्लोबल संस्था ने 15 अक्टूबर 2022 को अपनी रिपोर्ट में भारत को भुखमरी व कुपोषण के मामले में 107वें स्थान पर खड़ा कर दिया है. इस संस्था की रिपोर्ट को भारत सरकार ने गलत करार दिया है. इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है भारत को नीचा दिखाने की एक साजिश है. आयरलैंड की एक ईसाई संस्था ग्लोबल हंगर इंडेक्स बनती है. Concern world wide आयरलैंड की ईसाई संस्था है जो जर्मनी की welth ungerh life के साथ मिलकर ये इंडेक्स बनती है. सूत्रों के अनुसार भारतीय ईसाई संस्थाओं को इसी ग्लोबल हंगर इंडेक्स संस्था के आधार पर अरबों का अनुदान प्राप्त होता है. भूख और कुपोषण को आधार बनाकर ईसाई संस्थाओं को सामाजिक मदद के नाम पर विदेशी धन मुहैया किया जाता है. खबर यह भी है कि इसी विदेशी धन की सहायता से देश की ईसाई संस्थाएं चोरी छिपे धर्मान्तरण कार्य को बढ़ावा देते हैं. मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में ईसाई धर्मांतरण की ख़बरें लबे समय से अख़बार की सुखिऱ्यों का एक हिस्सा है. सूत्रों के अनुसार भारत विरोधी रिपोर्ट जारी करने वाले विदेशी ईसाई संस्थाओं से पूर्व बिशप सिंह का संबंध रखना बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है.
जबलपुर में ईओडब्ल्यू की टीम ने जब पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित आवास पर जब दबिश दी थी उस वक्त भी पूर्व पीसी सिंह जर्मनी की यात्रा पर थे, जैसे ही पीसी सिंह जर्मनी से लौटकर महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे तभी उन्हे सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लेकर जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम के हवाले कर दिया था. जबलपुर ईओडब्ल्यू सहित भारतीय अन्य जांच एजेंसियों की टीम विदेश से मिलने वाले फंड के मामले में भी जांच कर रही है. आने वाले दिनों में इस तथ्य को भी सामने रखकर जांच की जाएगी कि अभी तक गरीबों के जीवन स्तर को उठाने के लिए ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह विदेश से किस तरह अनुदान प्राप्त कर अन्य गतिविधियों में व्यय करते थे. एपूर्व बिशप सिंह के भारत विरोधी संस्थाओं से रिश्ते की गहन छानबीन के बाद और भी कई तथ्य सामने आने की संभावना बताई जा रही है.
135 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र 3 हजार लोगों से सर्वे कर वर्ल्ड हंगर इंडेक्स रिपोर्ट तैयार हो जाना हैरानी की बात है.
आयरलैंड की ईसाई संस्था द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में भारत को 107वें स्थान पर लाकर खड़ा किया है. अब यह आश्चर्य वाली बात है कि 135 करोड़ की आबादी वाले भारत देश की रैंकिंग के लिए सैंपल की संख्या सिर्फ 3000 व्यक्ति है. कुछ मिलाकर इतने लोगों से सर्वे कर यह तथ्य सामने ला दिए गए कि भारत में भुखमरी व कुपोषण है.
जिस देश में 2 साल से 80 करोड़ लोग निशुल्क राशन पा रहे है, वहां पर भुखमरी कैसी.
जिस भारत देश में 80 करोड़ लोगों को पिछले दो साले से निशुल्क राशन का वितरण किया जा रहा हैए बच्चों को मध्यान्ह भोजन में संतुलित आहारए आंगनबाड़ी केन्द्रों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर.घर जा कर पोषण आहार अन्य स्वास्थ्य संबंधी सहायता सुनिश्चित की जाती है. उस देश में भुखमरी कैसे हो सकती है. इस ईसाई संस्था ने 135 करोड़ आबादी में से उसके 3000 लोगों से पूछ कर सूचकांक में पाकिस्तान, लंका, बांग्लादेश आदि से नीचे रख दिया.
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