प्रदीप द्विवेदी. गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नकली परिवारवाद को सियासी हवा तो दे दी है, लेकिन उनकी अपनी पार्टी बीजेपी में ही वे परिवारवाद को रोक नहीं पा रहे हैं?
यही नहीं, अब इस नकली परिवारवाद को विभिन्न राज्यों में असली सियासी चुनौतियां मिलने लगी हैं!
खबरें हैं कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटी वंदना गुलेरिया ने भाई रजत ठाकुर को टिकट मिलने के चलते महिला मोर्चा पद से इस्तीफा दे दिया, तो कुल्लू (सदर) से बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माहेश्वर सिंह को टिकट मिलने पर बेटे हितेश्वर सिंह ने बंजार से निर्दलीय लड़ने की चेतावनी दी है?
याद रहे, बीजेपी में परिवारवाद को नजरअंदाज करते हुए- एक परिवार, एक टिकट की सियासी गली निकाली है, लेकिन अब वह भी काम नहीं आ रही है!
यही नहीं, उम्मीदवारों के ऐलान के बाद पार्टी नेताओं की बगावत का भी बीजेपी सामना कर रही है?
मजेदार बात यह है कि ऐसी सियासी बगावत से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृहजिला मंडी भी अछूता नहीं रहा है, जहां से खबरें हैं कि बीजेपी के मीडिया सहप्रभारी प्रवीण शर्मा ने टिकट नहीं मिलने के चलते मंडी सदर से निर्दलीय उतरने का फैसला किया है?
सियासी मुद्दा यह है कि ने 11 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं और बागियों को 6 साल के निलंबन की चेतावनी भी दी गई है, लेकिन बगावत थम नहीं रही है?
इतना ही नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता पीएम मोदी की बीजेपी के कांग्रेसीकरण की सत्तानीति से भी खफा हैं, कांग्रेस से आने वाले नेताओं को टिकट मिलने से बीजेपी के पूर्व विधायक नाराज हैं, नलगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक लखविंदर सिंह राणा को टिकट मिलने पर बीजेपी के पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने निर्दलीय नामांकन भरा है, तो खबरें हैं कि धर्मशाला में भी भाजपा के मौजूदा विधायक विशाल नेहरिया के करीब 200 समर्थकों ने कांग्रेस से आने वाले राकेश चौधरी को टिकट दिए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है!
पिछले कुछ समय से गुजरात में भी बीजेपी के कांग्रेसीकरण और नकली परिवारवाद को लेकर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या गुजरात में पीएम मोदी के अपने, बीजेपी के कांग्रेसीकरण और नकली परिवारवाद को इस बार स्वीकार करेंगे?
खासकर, नकली परिवारवाद का सियासी शिकार हुए पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी का परिवार क्या इस बार भी खामोश रहेगा?
परिवारवाद पर देश के प्रमुख कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा....
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वंशवाद या कंसवाद! पसंद जनता की....
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बीजेपी भी परिवारवाद को लेकर निशाने पर है....
पीएम नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी क्यों हैं नाराज़?
अपने ही भाई के विरोध में उतरे प्रहलाद मोदी, कहा भाई पीएम है, तो क्या मैं भूखा मर जाऊं?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात चुनाव: गृहमंत्री अमित शाह ने संभाला मोर्चा, चुनावी तैयारियों को देंगे अंतिम रूप
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