वास्तविक लाभ पाने का दिन: लाभपंचमी

वास्तविक लाभ पाने का दिन: लाभपंचमी

प्रेषित समय :20:56:23 PM / Fri, Oct 28th, 2022

29 अक्टूबर 2022 शनिवार को लाभ पंचमी है. *कार्तिक शुक्ल पंचमी ‘लाभपंचमी कहलाती है . इसे ‘सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं . जैन लोग इसको ‘ज्ञान पंचमी कहते हैं . व्यापारी लोग अपने धंधे का मुहूर्त आदि लाभ पंचमी को ही करते हैं . लाभ पंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरू किया जाता है उसमें बहुत-बहुत समृद्धि आती है . यह सब तो ठीक है लेकिन संतों-महापुरुषों के मार्गदर्शन-अनुसार चलने का निश्चय करके भगवद्भक्ति के प्रभाव से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार इन पांचों विकारों के प्रभाव को खत्म करने का दिन है लाभ पंचमी . 

*1 . लाभपंचमी के पाँच अमृतमय वचनों को याद रखो *पहली बात : ‘भगवान हमारे हैं, हम भगवान के हैं - ऐसा मानने से भगवान में प्रीति पैदा होगी . ‘शरीर, घर, संबंधी जन्म के पहले नहीं थे और मरने के बाद नहीं रहेंगे लेकिन परमात्मा मेरे साथ सदैव हैं - ऐसा सोचने से आपको लाभ पंचमी के पहले आचमन द्वारा अमृतपान का लाभ मिलेगा .

 *दूसरी बात : हम भगवान की सृष्टि में रहते हैं, भगवान की बनायी हुई दुनिया में रहते हैं . तीर्थभूमि में रहने से पुण्य मानते हैं तो जहाँ हम-आप रह रहे हैं वहाँ की भूमि भी तो भगवान की है; सूरज, चाँद, हवाएँ, श्वास, धडकन सब-के-सब भगवान के हैं, तो हम तो भगवान की दुुनिया में, भगवान के घर में रहते हैं . मगन निवास, अमथा निवास, गोकुल निवास ये सब निवास ऊपर-ऊपर से हैं लेकिन सब-के-सब भगवान के निवास में ही रहते हैं . यह सबको पक्का समझ लेना चाहिए . ऐसा करने से आपके अंतःकरण में भगवद्धाम में रहने का पुण्यभाव जगेगा .
 
*तीसरी बात : आप जो कुछ भोजन करते हैं भगवान का सुमिरन करके, भगवान को मानसिक रूप से भोग लगाके करें . इससे आपका पेट तो भरेगा, हृदय भी भगवद्भाव से भर जायेगा .
 
*चौथी बात : माता-पिता की, गरीब की, पडोसी की, जिस किसी की सेवा करो तो ‘यह बेचारा है... मैं इसकी सेवा करता हूँ... मैं नहीं होता तो इसका क्या होता... - ऐसा नहीं सोचो; भगवान के नाते सेवाकार्य कर लो और अपने को कर्ता मत मानो .

 *पाँचवीं बात : अपने तन-मन को, बुद्धि को विशाल बनाते जाओ . घर से, मोहल्ले से, गाँव से, राज्य से, राष्ट्र से भी आगे विश्व में अपनी मति को फैलाते जाओ और ‘सबका मंगल, सबका भला हो, सबका कल्याण हो, सबको सुख-शांति मिले, सर्वे भवन्तु सुखिनः... इस प्रकार की भावना करके अपने दिल को बडा बनाते जाओ . परिवार के भले के लिए अपने भले का आग्रह छोड दो, समाज के भले के लिए परिवार के हित का आग्रह छोड दो, गाँव के लिए पडोस का, राज्य के लिए गाँव का, राष्ट्र के लिए राज्य का, विश्व के लिए राष्ट्र का मोह छोड दो और विश्वेश्वर के साथ एकाकार होकर बदलनेवाले विश्व में सत्यबुद्धि तथा उसका आकर्षण और मोह छोड दो*

*तब ऐसी विशाल मति जगजीत प्रज्ञा की धनी बन जायेगी *

 *मन के कहने में चलने से लाभ तो क्या होगा हानि अवश्य होगी क्योंकि मन इन्द्रिय-अनुगामी है, विषय-सुख की ओर मति को ले जाता है . लेकिन मति को मतीश्वर के ध्यान से, स्मरण से पुष्ट बनाओगे तो वह परिणाम का विचार करेगी, मन के गलत आकर्षण से सहमत नहीं होगी . इससे मन को विश्रांति मिलेगी, मन भी शुद्ध-सात्त्विक होगा और मति को परमात्मा में प्रतिष्ठित होने का अवसर मिलेगा, परम मंगल हो जायेगा . 

यह दिन सभी तरह की सांसारिक कामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है तथा इस दिन विशेष कर शिव पूजन का महत्व है. लाभ पंचमी के दिन पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति छा जाती है और जीवन के कष्‍टों से मुक्ति मिलती है. 

लाभ पंचमी का दिन का विशेष कर एक खास तरह का लाभ पाने के लिए अतिश्रेष्ठ माना गया है. इस संबंध में मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री गणेश का पूजन करने से व्यापार में मनोवांछित लाभ मिलता है तथा शिव-पार्वती का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति और घर-परिवार में समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है. 

इस दिन से नए बहीखाते लिखना प्रारंभ करने का भी विशेष महत्व है. बही खाते में लिखते समय दाईं तरफ लाभ और बाईं तरफ शुभ लिखने से जीवन में शुभता का संचार होता है. यह दिन खासतौर पर गुजरात में शुभ तिथि दीप पर्व का हिस्सा माना जाता है. 

ऐसा माना जाता है कि दिवाली से गुजराती नववर्ष की शुरुआत के साथ ही लाभ/सौभाग्य पंचमी का दिन व्यापार में तरक्की की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है. दीपावली का दीप पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन जीने का प्रतीक होने के कारण यह सभी इच्छाओं को पूरा करने की प्रेरणा लेने का शुभ अवसर माना जाता है.

इसलिए लाभ पंचमी के दिन नए बही खाते लिखने की शुरुआत करते समय भगवान श्री गणेश का स्मरण किया जाता है ताकि आने वाला जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहें. इसका अन्य नाम पांडव पंचमी भी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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