पल-पल इंडिया. आजकल जिस सियासी बेशर्मी से दलबदल हो रहा है और खुलेआम खरीद-फरोख्त हो रही है, उसे देखते हुए इस तरह की राजनीतिक सौदेबाजी को सियासी वेश्यावृत्ति कहा जाना चाहिए?
दलबदल कोई नई बात नहीं है और इसे रोकने के लिए समय-समय पर कानून भी बनाए गए, लेकिन बेशर्म राजनेताओं के आगे सारे कानून बौने साबित हो रहे हैं!
खबरें हैं कि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की पार्टी- भारत राष्ट्र समिति के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के आरोप में हिरासत में लिए गए तीन युवकों को गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि लोअर कोर्ट के आदेश को पलटते हुए हाईकोर्ट ने शनिवार को नया आदेश दिया है.
याद रहे, गुरुवार को लोअर कोर्ट द्वारा उन्हें हिरासत में लेने की पुलिस की अर्जी को खारिज किए जाने के बाद रिहा कर दिया गया था.
खबरों की मानें तो आरोपियों को बुधवार की रात हैदराबाद के पास स्थित फार्महाउस के पास से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस का कहना था कि- उन्हें बीआरएस के चार विधायकों को दलबदल के लिए घूस देते हुए पकड़ा गया था.
पुलिस का यह भी कहना था कि- इस पूरे मामले में शामिल विधायकों में एक पायलट रेड्डी, जिनके फार्म हाउस में ये सब हो रहा था, ने ही पुलिस को इस संबंध में सूचना दी थी और रेड्डी की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि चार विधायकों की खरीद के लिए 250 करोड़ का ऑफर था.
बहरहाल, सियासी वेश्यावृत्ति का यह खेला लंबे समय से चल रहा है और कई राज्य इसके शिकार हुए हैं, लेकिन इस मामले में कानून बेबस नजर आ रहा है, लिहाजा सत्ता के ऐसे दलालों को कानून नहीं, केवल जनता ही सबक सिखा सकती है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में खतरनाक हुआ प्रदूषण, निर्माण कार्यों पर रोक, वर्क फ्रॉम होम की भी सलाह
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