चेन्नई. तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्च से पहले राज्य में आज तीन स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मद्रास हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 6 नवंबर को पूरे तमिलनाडु में 44 स्थानों पर मार्च निकालने की अनुमति दी थी. जबकि इससे पहले राज्य सरकार ने पहले 50 में से केवल तीन जगहों पर आरएसएस को मार्च निकालने की अनुमति दी थी, जिसके लिए उसने अनुमति मांगी थी.
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरएसएस को शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकालना चाहिए या फिर उसके नतीजे भुगतने को तैयार रहना चाहिए. हालांकि इसके बावजूद अदालत ने कोयंबटूर, पोलाची और नागरकोइल सहित सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील छह जगहों पर आरएसएस को मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया. यह फैसला देते हुए कि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों में कुछ भी प्रतिकूल नहीं पाया गया, हाईकोर्ट ने आरएसएस को दो महीने के बाद उन छह अन्य जगहों पर मार्च की अनुमति लेने को कहा.
गौरतलब है कि कोयंबटूर में हाल ही में दिवाली से एक दिन पहले एक कार विस्फोट हुआ था. जिसमें जमीशा मुबिन नामक एक शख्स की मौत हो गई थी. इस आशंका के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले की जांच की जा रही है कि मुबीन ने बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बनाई थी. तमिलनाडु सरकार ने इसके पहले 2 अक्टूबर को अदालत की अनुमति के बावजूद आरएसएस को मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इसके खिलाफ आरएसएस ने अवमानना याचिका दायर की थी. जबकि राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को एक पत्र में कानून और व्यवस्था की स्थानीय स्थितियों के आधार पर आरएसएस को मार्च की अनुमति देने के लिए कहा था. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद तमिलनाडु में तब कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला दिया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मस्जिद और मदरसे पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने की इमाम संगठन के चीफ से मुलाकात
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