प्रदीप द्विवेदी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच एजेंसियों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बरी कर दिया है और उन्होंने कहा है कि- यह दोष भाजपा नेता, जो साजिश कर रहे हैं, उनको दिया जाना चाहिए, सीबीआई अब केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है, जो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नियंत्रित है?
खबरों की मानें तो उन्होंने कहा कि- व्यवसायी देश छोड़कर भाग रहे हैं, वे ईडी और सीबीआई के डर और दुरुपयोग के कारण भाग रहे हैं, मेरा मानना है कि मोदी ने ऐसा नहीं किया है!
इस बयान से अनेकों को सियासी झटका लगा है, लेकिन जैसा दिखता है, वैसा है नहीं?
इससे पहले आरएसएस के लिए भी जा बयान ममता बनर्जी ने दिया था, उसने भी बीजेपी विरोधियों को ऐसा ही सियासी झटका दिया था, तो क्या बदल गईं है, ममता बनर्जी?
वैसे तो राजनीति में कहा जाता है कि कोई स्थाई सियासी दोस्त और दुश्मन नहीं होता है, आजादी के बाद की इन 75 साल की राजनीतिक समीकरणें देखें तो साफ है कि केवल गांधी परिवार और संघ-बीजेपी साथ नहीं आए है, बाकि सारे नेता और दल कभी-न-कभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बीजेपी-कांग्रेस के साथ आए हैं, बोले तो.... इन 75 साल में भारत के चुनाव कॉलेज इलेक्शन जैसे हो गए हैं, सवेरे कोई किसी के साथ, शाम को कोई किसी के साथ!
ममता बनर्जी ऐसे बयान क्यों दे रही है?
क्योंकि, वह जानती हैं....
1, पश्चिम बंगाल में बीजेपी कुछ नहीं है, जो भी है वह आरएसएस की ताकत है!
2, बीजेपी पर पीएम नरेंद्र मोदी का एकाधिकार है, लिहाजा एक साधे, सब सधे, उधर, नरेंद्र मोदी को भी यह अहसास हो ही गया होगा कि ममता बनर्जी के अलावा टीएमसी का कोई और नेता उनके काम का नहीं है?
3, विपक्ष के दम पर प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता है, कांग्रेस एकदम विषम परिस्थिति में ही ममता बनर्जी को पीएम स्वीकार करेगी और अब तो नीतीश कुमार बड़ी चुनौती बन कर आ रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी के साथ रहने में राजनीतिक फायदा है, यदि बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो ममता बनर्जी की सियासी किस्मत खुल सकती है?
यही वजह है कि ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने गोदी मीडिया की सफलता का फार्मूला अपना लिया है.... नरेंद्र मोदी को छोड़कर किसी पर भी सियासी हमला करो, मजे में रहोगे!
सियासी सयानों का मानना है कि 2024 में चुनाव के बाद ही असली गठबंधन सामने आएगा, लिहाजा उससे पहले कॉलेज इलेक्शन का मजा लें?
कांग्रेस को विपक्षी एकता पर फोकस छोड़ कर अपनी ढाई सौ से ज्यादा जीतने योग्य सीटों पर ध्यान देना चाहिए?
https://palpalindia.com/2022/09/09/politics-congress-opposition-unity-focused-on-two-hundred-fifty-seats-modi-government-Mamata-Banerjee-Kejriwal-KCR-news-in-hindi.html
विपक्षी दल एक हों या नहीं हों, मोदी सरकार के लिए तो खतरे की घंटी बज रही है?
https://www.palpalindia.com/2022/09/07/New-Delhi-Opposition-parties-united-or-not-Modi-government-alarm-bells-are-ringing--news-in-hindi.html
कभी आम को काटकर, कभी चूसकर खाएं....
https://palpalindia.com/2022/09/17/kla-sanskriti-Pradeep-ke-dohe-nehru-inflation-black-money-hindu-muslim-votes-politics-news-in-hindi.html
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