शिरडी : साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट को तीन साल से बकाया आयकर के भुगतान में 175 करोड़ रुपये की मिली छूट

शिरडी : साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट को तीन साल से बकाया आयकर के भुगतान में 175 करोड़ रुपये की मिली छूट

प्रेषित समय :15:23:48 PM / Sun, Nov 27th, 2022

अहमदनगर. शिरडी के श्री साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट को पिछले तीन साल से बकाया आयकर के भुगतान में 175 करोड़ रुपये की छूट दी गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह छूट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दी गई है.

आयकर विभाग ने वर्ष 2015-16 के आयकर के मूल्यांकन में पाया कि श्री साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट धार्मिक ट्रस्ट नहीं है, बल्कि यह एक धर्मार्थ (चेरेटेबिल) ट्रस्ट है. इसलिए उसे दानपात्र में एकत्र रकम पर तीस प्रतिशत की लेवी लगाकर 183 करोड़ रुपये के आयकर के भुगतान का नोटिस भेजा गया. इसके बाद ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने निर्धारित कर के भुगतान पर रोक लगा दी. अंतत: आयकर विभाग ने शिरडी के श्री साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट को धार्मिक और धर्माथ मानते हुए उस पर पिछले तीन साल में लगे 175 करोड़ रुपये के आयकर को माफ कर दिया.

क्या है साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट

साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी, साईबाबा की समाधि मंदिर और इस आधार पर अन्य सभी मंदिरों का शासी और प्रशासनिक निकाय है, और शिरडी गांव के विकास के लिए समर्पित है. साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी, श्री साईबाबा समाधि मंदिर में दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए अधिकृत निकाय है. यह आवास, भोजन (मुफ्त), जलपान और बहुत कुछ जैसी विभिन्न सुविधाएं भी प्रदान करता है. संस्थान ट्रस्ट स्कूल और कॉलेज (जूनियर और सीनियर), कक्षा जूनियर केजी से दसवीं कक्षा तक इंग्लिश मीडियम स्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), पेयजल आपूर्ति, अस्पताल (श्री साईंबाबा सुपरस्पेसिलिटी अस्पताल और श्री साईनाथ अस्पताल दान के आधार पर) भी चलाता है.

यह है मंदिर का महत्व

शिरडी, भारत के महाराष्ट्र राज्य में अहमदनगर जिले के राहत तालुका में एक छोटा सा ग्रामीण शहर है. शिरडी एक धर्मनिरपेक्ष स्थान है जहां सभी धर्मों को एक माना जाता है और विश्वास और धैर्य की शक्ति में विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है. एक ऐसा स्थान जहां सभी सिर प्रार्थना में झुकते हैं. साईंबाबा के पदचिह्नों ने इस शहर को एक पवित्र स्थान बना दिया है. यहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. अहमदनगर-मनमाड राजमार्ग पर स्थित है.

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