दिसंबर 2022 के व्रत एवं त्यौहार और हिंदू पंचांग की गणना

दिसंबर 2022 के व्रत एवं त्यौहार और हिंदू पंचांग की गणना

प्रेषित समय :18:45:01 PM / Wed, Nov 30th, 2022

साल 2022 का बारहवां एवं अंतिम महीना दिसंबर दस्तक देने के लिए तैयार है. हर महीने के साथ लोगों की आशाएं और उम्मीदें जुड़ी होती है. ऐसे में, आने वाले नए महीने के बारे में जानने के लिए हम सभी उत्सुक होते हैं. 

साल 2022 का बारहवां और आखिरी महीना दिसंबर का आरंभ पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होगा और इसकी समाप्ति 31 दिसंबर 2022 को अश्विनी नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होगी. इस दिन नवमी तिथि का समापन शाम 06 बजकर 35 मिनट पर होगा और इस वजह से 31 दिसंबर 2022 का अंत दशमी तिथि में होगा. 

दिसंबर 2022 के व्रत एवं त्यौहार
तिथि दिन पर्व या अवकाश
03 दिसंबर 2022 शनिवार मोक्षदा एकादशी
05 दिसंबर 2022 सोमवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
08 दिसंबर 2022 गुरुवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
11 दिसंबर 2022 रविवार संकष्टी चतुर्थी
16 दिसंबर 2022 शुक्रवार धनु संक्रांति
19 दिसंबर 2022 सोमवार सफला एकादशी
21 दिसंबर 2022 बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
23 दिसंबर 2022 शुक्रवार पौष अमावस्या
दिसंबर 2022 के व्रत एवं त्योहारों के बारे में जानने के बाद अब हम जानेंगे उन लोगों के व्यक्तित्व के बारे में जिनका जन्म दिसंबर में हुआ है. 

कुछ ऐसा होता है दिसंबर में जन्म लेने वालों का व्यक्तित्व 
वैसे तो दिसंबर का महीना अपने आपमें ख़ास होता है लेकिन जिन लोगों का जन्मदिन इस महीने में आता है उनके लिए दिसंबर के अलग ही मायने है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसा होता है दिसंबर में जन्म लेने वालों का स्वभाव? अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं इनके स्वभाव के बारे में. 

जिन लोगों का जन्म दिसंबर के महीने में हुआ है वे लोग स्वभाव से व्यावहारिक होते हैं. ये लोग अपनी मर्ज़ी के मालिक होते हैं और ज़िन्दगी अपने शर्तों पर जीना पसंद करते हैं. ये लोग सबसे मिल-जुलकर रहते हैं और आकर्षक व्यक्तित्व होने की वजह से इनको दोस्तों की कमी नहीं होती है. ज्यादातर दिसंबर में जन्में लोग हर पार्टी की शान होते हैं. इनका मन साफ़ और कोमल होता है तो वही दिमाग बेहद तेज़ होता है. हालांकि कभी-कभी ये खुद ही अंहकार के जाल में फंस जाते हैं. 

दिसंबर में पैदा हुए लोगों को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है. इनका सूर्य और मंगल काफी मज़बूत होता है जो इन्हें किसी उच्चे और शक्तिशाली पद पर पहुंचाने का कार्य करता है. इनके रहस्यमय व्यवहार के चलते कई बार इन्हें समझना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर इनके गुण और अवगुणों की बात करें तो, दिसंबर बोर्न पढ़ाई-लिखाई में हमेशा आगे रहते हैं और टीचर्स की पहली पसंद होते हैं. 

जो लोग 15 से 31 दिसंबर के बीच जन्में वे लोग दार्शनिक और कलाकार होते हैं. इनमें कूट-कूटकर आत्मविश्वास भरा होता है. हालांकि, ये लोग थोड़े आलसी होते है और हर काम को टालते रहते है और जब किसी काम को करते हैं तो हड़बड़ी में करते हैं.  

दिसंबर में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली अंक: 1, 3 8 
दिसंबर में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली रंग: पीला, भूरा, लाल और पर्पल
दिसंबर में जन्मे लेने वालों के लिए शुभ दिन: रविवार, बुधवार और शनिवार
दिसंबर में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली रत्न: मोती और पन्ना
दिसंबर में आने वाले बैंक अवकाश
दिन बैंक अवकाश कहाँ-कहाँ मान्य होगा
01 दिसंबर 2022 गुरुवार स्वदेशी आस्था दिवस अरुणाचल प्रदेश
03 दिसंबर 2022, शनिवार सेंट फ्रांसिस जेवियर पर्व गोवा
05 दिसंबर 2022, सोमवार शेख मोहम्मद अब्दुल्ला जयंती जम्मू और कश्मीर
18 दिसंबर 2022, रविवार यू सोसो थाम पुण्यतिथि मेघालय
18 दिसंबर 2022, रविवार गुरु घासीदास जयंती छत्तीसगढ
19 दिसंबर 2022,सोमवार मुक्ति दिवस गोवा, दमन और दीव
25 दिसंबर 2022 रविवार क्रिसमस अधिकांश भारत
26 दिसंबर 2022, सोमवार शहीद उधम सिंह जयंती हरियाणा
26 दिसंबर 2022,सोमवार क्रिसमस की छुट्टी मेघालय, मिजोरम, तेलंगाना
30 दिसंबर 2022, शुक्रवार यू कियांग नांगबाह/तमु ल्होसार मेघालय, सिक्किम
31 दिसंबर 2022, शनिवार न्यू ईयर ईव मणिपुर

दिसंबर माह का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से भी दिसंबर का विशेष महत्व है. जहाँ दिसंबर महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष महीने में होगी जो हिंदू पंचांग का नौवां माह है और इसकी गिनती सनातन धर्म के सबसे पवित्र महीनों में होती है. वही, दिसंबर का अंत पौष माह के साथ होगा जिसका आरंभ 09 दिसंबर 2022 शुक्रवार के दिन और अंत 07 जनवरी 2023 को होगा. 

पौष हिंदू पंचांग के 12 महीनों में दसवां माह होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, पौष माह सामान्यरूप से जनवरी या दिसंबर के महीने में आता है. हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने का नाम नक्षत्र पर आधारित है और इसी प्रकार पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पौष नक्षत्र में होता है इसलिए इसे पौष मास कहा जाता है. 

पौष मास में भगवान सूर्य की उपासना करने का विधान है. धर्मग्रंथों के अनुसार, इस माह में सूर्यदेव की भग नाम से पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. दिसंबर यानी पौष मास में सूर्य महाराज धनु राशि में गोचर करते है और इस परिवर्तन को धनु संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. धनु राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति है और मान्यता है कि इस दौरान गुरु ग्रह देवताओं समेत मनुष्यों को भी ज्ञान प्रदान करते हैं. 

दिसंबर 2022 में मनाये जाने वाले त्योहारों का महत्व 
3 दिसंबर, 2022 (शनिवार)- मोक्षदा एकादशी– हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं. इस दिन मौन व्रत भी करने की परंपरा है इसलिए इसे मौनी एकादशी भी कहते हैं. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने मोक्षदा एकादशी के दिन ही अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. 

05 दिसंबर 2022 (सोमवार)- प्रदोष व्रत (शुक्ल)– हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस दिन व्रत करने से और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामना पूरी होती है. 

08 दिसंबर 2022 (गुरुवार)- मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत– सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इस महीने की पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर दान, तप और स्नान करना शुभ माना जाता है. 

16 दिसंबर 2022 (शुक्रवार)- धनु संक्रांति– नवग्रहों के राजा सूर्य हर महीने अपनी राशि परिवर्तन करते है जिसे संक्रांति कहा जाता है. जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन धनु संक्रांति मनाई जाती है. 

19 दिसंबर 2022 (सोमवार)- सफला एकादशी– हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से जातक के सभी कार्य पूर्ण होते हैं. 

21 दिसंबर 2022 (बुधवार)- मासिक शिवरात्रि– हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है और इस तिथि पर शिव और शक्ति दोनों की पूजा की जाती है. 

23 दिसंबर 2022 (शुक्रवार)- पौष अमावस्या– पौष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से ये तिथि बेहद महत्वपूर्ण है और इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण आदि कार्य किये जाते हैं.

भोज दत्त शर्मा , वैदिक ज्योतिष 
Astrology By Bhoj Sharma

 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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