नागौर (राजस्थान). ताराचंद कडवासरा, नागौर जिले के निवासी थे और पिछले शनिवार सुबह नौ बजे तक जिंदा थे. सीकर में हुई गैंगवार की घटना में राहू ठेहट की हत्या कर दी गई थी. राजू के साथ ही वहां पर मौजूद ताराचंद कडवासरा को भी बदमाशों ने गोली मार दी थी. वे निर्दोष थे और बस वहां पर अपनी बेटी की फीस जमा कराने आए थे. तीनों बेटियों कोनिका, मोनिका और बीना ने अपने पिता को कंधा दिया.
वह बेटे का करियर बनाने आए थे और हो गई मौत
सोमवार दोपहर ताराचंद का शव सीकर से पोस्टमार्टम होने के बाद उनके गांव पहुंचाया गया था. शाम तक शव वहां पहुंचा और उसके बाद शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया. ताराचंद अपने चचेरे भाई रामचंद्र के साथ कोनिका की फीस जमा कराने के लिए सीकर आए थे इस दौरान बदमाशों ने उनको गोली मार दी थी.
इंसानियत के तौर पर लोगों ने बेटियों के खातों में जमा किए 25 लाख
ताराचंद की मौत के बाद परिजनों और जनप्रतिनिधियों ने दो से तीन दिनों तक धरना दिया तब जाकर प्रशासन ने मांगों को माना. कोनिका को सरकारी सीट पर एमबीबीए कराने के लिए सरकार ने हामी भरी है. वहीं अन्य दोनो बेटियों को भी पढ़ाई में मदद करने के लिए समाज आगे आया है. समाज और जन प्रतिनिधियों ने अब तक बेटियों के खातों में करीब 25 लाख रुपए जमा करा दिए हैं. यह रकम लगातार बढ़ती जा रही है.
बेटियों की पढ़ाई को बेच दिए थे खेत, गोलीकांड ने ले ली जान
ताराचंद के तीन बेटियां और एक बेटा हैं. सभी जयपुर, सीकर और नागौर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. ताराचंद ने बेटियों की पढ़ाई के लिए अपने करीब 27 बीघा खेत बेच दिए थे और दूसरे के खेत में काम कर रहे थे ताकि बेटियों को पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया जा सके. उनके बच्चे भी होशियार है. कोमिता सीकर में एक नामी संस्थान में पढ़ रही है जो एमबीबीएस की तैयारी कराते हैं. लेकिन कोमिता के सामने ही उसके पिता की इस तरह से हत्या कर दी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान पहुंची भारत जोड़ो यात्रा, लोक कलाकारों के साथ थिरके राहुल गांधी सहित ये नेता
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