उड़न परी पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनी, ग्रेट वुमेन एथलीट ने रचा इतिहास

उड़न परी पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनी, ग्रेट वुमेन एथलीट ने रचा इतिहास

प्रेषित समय :18:31:57 PM / Sat, Dec 10th, 2022

नई दिल्ली. भारत की महान एथलीट पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जो भारतीय ओलंपिक संघ की प्रेसिडेंट बनी हैं. इससे पहले सिर्फ महाराजा यादविंदर सिंह ही ऐसे खिलाड़ी थे जो ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बने थे.

भारत की महान एथलीट पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जो भारतीय ओलंपिक संघ की प्रेसिडेंट बनी हैं. इससे पहले सिर्फ महाराजा यादविंदर सिंह ही ऐसे खिलाड़ी थे, जो ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बने थे. देश की महान धावक पीटी उषा को 10 दिसंबर को प्रेसिडेंट पद पर चुना गया.

पीटी उषा ने रचा इतिहास

भारतीय ओलंपिक संघ में अभी तक सिर्फ राजनीति का दबदबा चलता था और खिलाड़ी संघ से अक्सर दूर ही रहते थे. लेकिन पीटी उषा के अध्यक्ष बनने के बाद यह परंपरा अपने आप टूट गई है. इससे पहले के घटनाक्रम में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने चुनाव न कराने के दशा में भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित करने की वार्निंग भी दी थी, लेकिन पीटी उषा को जुलाई में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया और प्रेसिडेंट पद के लिए उन्होंने सिंगल आवेदन करके सारे विवादों को खत्म कर दिया. 10 दिसंबर को उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया.

कौन हैं पीटी उषा

पीटी उषा देश की करोड़ों महिला एथलीट्स के लिए प्रेरणास्रोत हैं. पीटी उषा ने एशियन गेम्स में 4 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल जीते हैं. उन्होंने 1982, 1986, 1990 और 1994 में एशियन गेम्स में मेडल जीते थे. वहीं एशियाई चैंपियनशिप में उनके नाम कुल 14 गोल्ड मेडल, 6 सिल्वर मेडल, 3 ब्रांज मेडल वे जीत चुकी हैं. 1984 के ओलंपिक गेम्स में 400 मीटर की बाधा दौड़ में पीटी उषा को चौथा स्थान मिला था. पीटी उषा ने सन 2000 में संन्यास लिया था और वे दो दशक तक एशियाई खेलों में राज करने वाली पहली महिला एथलीट रही हैं.

उड़न परी के नाम विख्यात

पीटी उषा को ज्यादातर लोग उड़न परी या फिर पय्योली एक्सप्रेस के नाम से जानते हैं. उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना पहले ही तय हो गया था क्योंकि प्रेसिडेंट पद के लिए नामांकन करने वाली वे इकलौती उम्मीदवार थीं. बीजेपी ने उन्हें इसी साल राज्यसभा के लिए भी नामित किया था. भारतीय ओलंपिक संघ के 95 साल के इतिहास को देखें तो वे पहली ओलंपियन हैं जिन्होंने इस पर चयनित होकर खेल को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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