जन्म कुंडली में इन भावों में बैठे हों बुध तो आप बनेंगे बुद्धिमान और मिलेगी सफलता

जन्म कुंडली में इन भावों में बैठे हों बुध तो आप बनेंगे बुद्धिमान और मिलेगी सफलता

प्रेषित समय :21:10:41 PM / Wed, Dec 14th, 2022

बुध को ज्योतिष में बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य आदि का कारक ग्रह माना गया है. साथ ही इनको ग्रहों का राजकुमार का दर्जा प्राप्त है. स्वाभाविक है जब आपकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होगी तो आप तार्किक भी होंगे और समझदार भी. लेकिन अच्छी बुद्धि और तार्किक क्षमता आपको तब ही प्राप्त होती है जब कुंडली में बुध ग्रह अच्छी अवस्था में हों. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि बुध कुंडली में किन स्थितियों में होने पर अच्छे परिणाम देते हैं.

इनके साथ बुध देते हैं अच्छे फल

ज्योतिष में बुध को तटस्थ ग्रह कहा जाता है. यानि जिस भी ग्रह के साथ यह विराजमान होते हैं, वैसा ही व्यवहार यह करने लगते हैं. शनि, मंगल, राहु, केतु जैसे क्रूर ग्रहों के साथ बैठने पर यह क्रूर हो सकते हैं. वहीं चंद्रमा, गुरु, शुक्र जैसे ग्रहों के साथ बैठकर यह अच्छे फल देते हैं. इसके अलावा सूर्य के साथ भी यह अच्छे परिणाम ही प्रदान करते हैं. लेकिन जब यह किसी भाव में अकेले विराजमान होते हैं तो बहुत अच्छे फल देते हैं. आइए अब उन स्थितियों की जानते हैं, जिनमें बुध ग्रह शुभ परिणाम देते हैं.

1. यदि कुंडली के केंद्र भाव यानी 1,4,7,10 में बुध ग्रह विराजमान हैं तो व्यक्ति तार्किक और समझदार बनाता है. वहीं केंद्र के भावों में यदि यह अपनी राशि यानि मिथुन या कन्या में है तो भद्र योग का निर्माण करते हैं. इस योग के कुंडली में होने से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता जबरदस्त हो जाती है. ऐसे लोगों को गणितीय विषयों में महारत हासिल होती है साथ ही ऐसे लोग सामाजिक स्तर पर भी ख्याति पाते हैं. परंतु कुंडली में यह भी देखना जरूरी होता है कि बुध पर किसी क्रूर ग्रह जिनके बारे पहले बता चुके हैं, उनमें से किसी की दृष्टि न हो.
2. कुंडली के लाभ भाव यानी 11वें भाव में बुध बैठे हैं तो व्यक्ति को काफी सफलता मिलती है. इस भाव में बुध के होने से व्यक्ति को कारोबार और नौकरी में काफी तरक्की मिलती है. ऐसे व्यक्ति लेन-देन के मामलों में भी बहुत अच्छे होते हैं.
3. कुंडली में यदि बुध, सूर्य के साथ युति बना रहे हैं और किसी क्रूर ग्रह की दृष्टि इस युति पर नहीं है तब भी व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता जबरदस्त हो जाती है, ऐसा ज्योतिष विज्ञान कहता है.
4. पंचम भाव में बैठा बुध व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता दिलाता है. ऐसे लोग अच्छे शिक्षक हो सकते हैं. इसके साथ ऐसे लोगों को बौद्धिक स्तर भी अच्छा होता है. बुध के इस भाव में होने से व्यक्ति को तकनीकी और गणितीय क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है.
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल कमजोर हो तो ऋण लेने की स्थिति बनती है!

वैदिक ज्योतिष में कुंडली के छठे भाव में ग्रहों का प्रभाव

जन्म कुंडली का पंचम भाव

जन्म कुंडली के चौथे घर में विभिन्न ग्रहों के प्रभाव

जन्मकुंडली में मंगल शनि युति

सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य

Leave a Reply