पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह. एमपी के जबलपुर के समीपस्थ जिले दमोह में इन दिनों बागेश्वर बालाजी धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की मुखारबिंद से रामकथा सुनाई जा रही है. कृष्णा हाइट्स में आयोजित आज रामकथा में शामिल होने आए 300 लोगों को बागेश्वर बालाजी सरकार ने सनातन धर्म की शपथ दिलाई कि वे अब कभी अपना धर्म नहीं नहीं छोड़ेगें. ये सभी लोग ईसाई धर्म अपना चुके थे.
बागेश्वर बालाजी धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री महाराज के समक्ष पहुंचे लोगों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि इलाज कराने, रोजगार दिलाने का लालच दिया, लेकिन न इलाज कराया, न ही रोजगार दिया. यहां तक कहा गया था ईसाई धर्म अपनाने के बाद कोई समस्या नहीं रहेगी. कहा जाता था कि यदि घर में किसी का देहांत भी हो जाए तो सबसे पहले आपको चर्च में आकर प्रार्थना करना होगी. हम गरीब लोग है कभी काम पर जाने के कारण प्रार्थना में नहीं पहुंच पाते तो घर पहुंचकर डांट-फटकार लगाई जाती. गांव गांव परचे बांटने के लिए कहा जाता था. एक महिला ने कहा कि काम के चक्कर में दूसरे धर्म के लोगों के पास गए थे, इसके बाद आना जाना शुरु हो गया. उन लोगों ने लालच दिया था, दवाई के लिए रुपये दिए थे, जिससे हम बहक गए थे. अब हम सनातन धर्म में वापस आना चाहते है. कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि वे लोग हिन्दू धर्म के बारे में गलत बोलते थे, हमने विरोध किया. लेकिन कहीं से सपोर्ट न मिलने के कारण हम डर गए थे. ईसाई बनाने के लिए वे लोग घरों में जाकर प्रार्थना करते रहे.
कुछ लोगों ने चंद रुपयों के लिए अपना धर्म बदल लिया है. हिन्दू भाई-बहनों की इज्जत गिरा दी है, अब हम वापस आ गए है. इन सभी लोगों की बातों को सुनने के बाद बागेश्वर बालाजी धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कोई रुपए दे तो ले लो. बच्चों की पढ़ाई उनकी अच्छी परवरिश में खर्च करो. हम गरीब लोग हैंए लेकिन अब धर्म नहीं बदलना. अभी आपके और जो साथी रह गए हैंए उन्हें लेकर आना. हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म के लिए अपने प्राण तक दे दिए हैंए उन्हें मत लजवाओ. उन्होने यह भी कहा कि इसमें आपकी भी गलती है. न लालच में जाते, न उनके चक्कर में पड़ते. आप उस सनातन धर्म से हैं, जहां आपके पूर्वजों पर कई विपत्तियां आईं, उन्होंने अपना सिर तक काटकर दिखा दिया था. हम कोई चमत्कारी नहीं हैं, कोई भगवान नहीं हैं, लेकिन संतों के प्रताप से इतना जानता हैं. संतों की कृपा से भगवान की शरण में आओगे. हनुमान जी की ध्याओगे तो तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ईश्वर आप पर हर दिन कृपा करेंगे. सभी ने संकल्प लेते हुए कहा कि आज से हमेशा, जीवन पर्यंत अपने संतों की, सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे देंगे, परंतु भूलकर भी अन्य धर्म में नहीं जाएंगे. हम श्री हनुमानजी महाराज, रविदास महाराज, मीराबाई, महर्षि वाल्मिकी, गोस्वामी तुलसीदास, जागेश्वर महादेव, बागेश्वर बालाजी के चरणों की सौगंध खाते हैं. हम भूलकर भी कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगे. हमसे जो गलती हुई है, हमसे जो भूल हुई है दूसरे धर्म में जाने की, प्रभु हमें क्षमा करो. हनुमानजी हमें क्षमा करो, महर्षि वाल्मिकी हमें क्षमा करो, गोस्वामी तुलसीदास हमें क्षमा करो. सब संतों की जय हो, बागेश्वर धाम की जय हो. अब दोनों हाथ मलकर फटकार लगाओ. जिससे जो बलाएं लगी हों दूर हो जाएं.
सबसे एक-एक मिनट मिलेगें-
इस मौके पर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यही पर हम सबसे एक-एक मिनट मिलेगें. आप सबकी अर्जी भी लगा देगें, जिससे बागेश्वर बालाजी सरकार की कृपा आप पर बनी रहे. आज आरती करे, घर झंडा लगाओ. जो बीत गया सो बीत गया, मन में कोई मलाल नहीं रखना. आप से हाथ जोड़कर विनती है अब ऐसी गलती न करना. समाज की नाक नही कटवाना. आप उस समाज से हो, जिसने बड़ी-बड़ी परीक्षाएं दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Rail News: बीना से दमोह के बीच नई पैसेंजर ट्रेन सेवा 12 दिसम्बर से
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