किसी भी कार्य में सफलता के लिए गुरु ग्रह का मजबूत होना जरूरी है. जब कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, तो भाग्य का साथ मिलता है, जिस काम में हाथ डालते हैं वह सफल होता है, विवाह समय से होता है, शिक्षा अच्छी मिलती है. गुरु की कृपा रहती है.
गुरु ग्रह का देवता कौन है?
गुरु ग्रह का संबंध महर्षि बृहस्पति और भगवान दत्तात्रेय से है परंतु लाल किताब के अनुसार भगवान ब्रह्मा इसके देवता हैं.
गुरु को मजबूत करने के लिए करें ये काम
बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए.
बृहस्पतिवार को ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला कर सकते हैं.
नियमित रूप से भोजन में बेसन, चीन और घी से बने लड्डू का सेवन करना चाहिए. ...
गुरुवार को नाखून नहीं काटने चाहिए.
गुरुवार को बाल नहीं धोने चाहिए.
गुरु के लक्षण क्या होते हैं?
शुभ होने के लक्षण: जिसका गुरु प्रबल होता है उसकी आंखों में चमक और चेहरे पर तेज होता है. अपने ज्ञान के बल पर दुनिया को झुकाने की ताकत रखने वाले ऐसे व्यक्ति के प्रशंसक और हितैषी बहुत होते हैं. ऐसे व्यक्ति मिलनसार और ख्याति प्राप्त होते हैं. वे प्रतिभाशाली होने के बावजूद नम्र स्वभाव वाले होते है.
बृहस्पति ग्रह की क्या विशेषता है?
सूर्य से पाँचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है. यह मुख्य रूप से एक गैस पिंड है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है. बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
गुरु को कैसे खुश करें?
बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीड़ित जातक को गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए. इस दिन पीले वस्त्रों को धारण करना भी श्रेष्ठ माना गया है. व्रत का पारायण भी पीले भोजन के साथ करना चाहिए. अगर आप राशि में गुरु कमजोर स्थिति में हैं तो इससे उत्पन्न होने वाली परेशानी से बचने के लिए कुछ चीजों का दान करना शुभ माना गया है.
गुरु से बड़ा कौन होता है?
यानी माता पिता का स्थान सर्वोपरि है. शास्त्र की व्याख्या करते कथा व्यास कहते हैं कि शास्त्र कहता है कि सबसे बड़ा भगवान, उससे बड़ा गुरु, गुरु से बड़ा पिता तथा पिता से भी बड़ा है मां का स्थान. रामायण के अध्याय का वर्णन करते कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम सुबह उठकर पहले माता पिता फिर गुरु को माथा नवाते हैं.
गुरु कमजोर कब होता है?
गुरुवार के दिन बाल-नाखून काटने, साबुन और तेल का उपयोग करने से गुरु कमजोर होता है. इसके अलावा ऐसे लोग जो बुजुर्गों का अपमान करते हैं. उनका भी गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है. यदि गुरु कमजोर हो तो उसे मजबूत करने के उपाय कर लेना ही बेहतर होता है.
गुरु ग्रह से कौन कौन सी बीमारी होती है?
गुरु: इस ग्रह के प्रभाव से दंतरोग, स्मृति हीनता, अंतड़ियों का ज्वर, कर्णपीड़ा, पीलिया, लीवर की बीमारी, सिर का चक्कर, पित्ताशय के रोग, रक्ताल्पता, नींद न आने की बीमारी, शोक, विद्वान गुरु आदि शारीरिक कष्ट-कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है.
भाग्य के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?
सबसे अच्छा ग्रह : बृहस्पति ग्रह को सबसे अच्छा माना गया है, क्योंकि इसी से आयु और भाग्य तय होता है. यही हमें सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करता है. कुंडली में बृहस्पति का दूसरा, पांचवां, नवां और दसवें भाव पर प्रभाव रहता है.
गुरु नीच का कब होता है?
किसके साथ होती है मित्रता और शत्रुता
बृहस्पति कर्क राशि में उच्च का कहलाता है क्योंकि चंद्र इसका मित्र है. सूर्य व मंगल भी बृहस्पति के मित्र है. शनि बृहस्पति से सम भाव रखता है पर मकर राशि में बृहस्पति नीच का कहलाता है
गुरु दोष क्या है?
गुरु व्यक्ति को धर्म और अध्यात्म का मार्ग दिखाता है और व्यक्ति को नम्र स्वभाव का बनाता है. लेकिन इसके विपरीत अगर कुंडली में गुरु दोष लगा हो तो विवाह में देरी होती है और जिनका विवाह हो चुका है, उनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं. भाग्य साथ नहीं देता और व्यक्ति अति आशावादी बनकर मूर्खतापूर्ण व्यवहार करता है.
गुरु हमें क्या देते हैं?
गुरु हमें अपने आध्यात्मिक स्तर के अनुसार अर्थात ज्ञान ग्रहण करने की हमारी क्षमता के अनुसार (चाहे वह हमें ज्ञात हो या ना हो) मार्गदर्शन करते हैं और हममें लगन, समर्पण भाव, जिज्ञासा, दृढता, अनुकंपा (दया) जैसे गुण (कौशल) विकसित करने में जीवन भर सहायता करते हैं.
Khushi Soni Verma
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