दिल्ली. भारतीय रेलवे ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सभी हेरीटेज ट्रेनों में ग्रीन हाइड्रोजन इंजन लगाने की योजना तैयार की है, जिससे सभी ट्रेनें इको फ्रेंडली हो जाएंगी. वहीं सैलानियों को ध्यान में रखते हुए इन ग्रीन इंजनों की आवाज और सिटी पहले इंजन जैसी ही रखी जाएगी. क्योंकि ग्रीन हाइड्रोजन इंजनों में आवाज नहीं होती है, लेकिन तकनीक की मदद से इन हेरीटेज ट्रेनों में सवार होने वाले सैलानियों को अनुभव पहले जैसा ही होगा.
जानकारी के अनुसार वर्तमान में देश में 8 सेक्शन में 38 हेरीटेज ट्रेनों का संचालन हो रहा है. जो पहाड़ी इलाकों में सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं. रेलवे मंत्रालय ने इन ट्रेनों को ग्रीन हाइड्रोजन में बदलने का फैसला किया है. इस योजना का नाम हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज दिया गया है. यानी हेरीटेज रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें इको फ्रेंडली हो जाएंगी.
ये ट्रेन एक पूरी तरह से अलग टेक्नोलॉजी वाली होंगी. इनके हर कोच को पावर देने के लिए उनमें हाइड्रोजन सेल मोटर लगे होंगे. ग्रीन हाइड्रोजन की हर ट्रेन में चार-चार कोच होंगे. यानी सभी ट्रेनों में एक बराबर कोच होंगे. इन ग्रीन इंजनों का निर्माण तमिलनाडु में किया जाएगा.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष दिसंबर से ग्रीन इंजन की शुरुआत हो जाएगी और अगले वर्ष तक सभी हेरीटेज ट्रेनें ग्रीन हाइड्रोजन में बदल जाएंगी. रेलवे मंत्रालय के अनुसार लोकोमोटिव अपनी विरासत को बचाए रखने के लिए भाप इंजन के रूप को बरकरार रखेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे एवं डाक विभाग ने मिलकर शुरू की डोर टू डोर पार्सल सेवा
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