संक्रांति 2023 की शुरुआत
पंचांग के अनुसार, सूर्य की संक्रांति का क्षण 14 जनवरी रात 08:57 बजे,
15 को संक्रांति का पुण्यकाल
06:028 बजे सुबह से शाम 05:36 बजे तक
महापुण्य काल
006:28 बजे से सुबह 011:00 बजे सुबह तक 15 जनवरी को महा पुण्य काल रहेगा.
मेष - जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. तिल-गुड़- कम्बल, का दान करें.
वृष - जल में सफेद चंदन, दूध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. खिचड़ी का दान करें.
मिथुन - जल में तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. मूंग की दाल की खिचड़ी दान करें.
कर्क- जल में दूध, चावल, तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. संकटों से मुक्ति मिलेगी. गुड़, तिल दान करें.
सिंह- जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.गुड़, तिल दान करें.
कन्या- जल में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर दान करें. गाय को चारा दें.
तुला- सफेद चंदन, दूध, चावल का दान दें. सफेद चंदन मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
वृश्चिक- जल में कुमकुम, रक्तपुष्प तथा तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़ का दान दें.
धनु- जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़ दान करें.
मकर- जल में नीले पुष्प, तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. काले तिल, उड़द की दाल की खिचड़ी दान करें.
कुंभ- जल में नीले पुष्प, तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें| उड़द, तिल का दान करें.
मीन- हल्दी, केसर, पीले फूल के साथ तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. तिल, गुड़ का दान करें.
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें - 9131366453
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली में शुक्र का बलवान बहुत जरुरी, इससे प्रभावी व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता
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