जबलपुर/दमोह. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की मांग पर जबलपुर-दमोह हीरापुर मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) में शामिल किये जाने के बाद अब इस मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग बनकर तैयार हो गई है. इसकी खास बात यह है कि यह मार्ग 10 मीटर चौड़ा होगा और उसके साथ में पेवर्स सोल्डर और डामरीकरण अलग से किया जाएगा. ऐसा होने से सड़क की चौड़ाई और अधिक बढ़ जाएगी. दिसंबर 22 तक डीपीआर कंप्लीट होने का लक्ष्य दिया गया था और मार्च 23 में सड़क का काम प्रारंभ होगा.
नरसिंहगढ़, बटियागढ़ सहित इन जगहों पर बाईपास बनेगा
डिजाइन और ड्राइंग के हिसाब से डीपीआर में वर्तमान सड़क को चौड़ा करने का प्लान तो पहले से ही है. साथ में आबादी वाले स्थानों को बाईपास से जोड़ना भी शामिल किया गया है. जिसमें जबेरा, नोहटा, बटियागढ़, नरसिंहगढ़ और दमोह शहर भी शामिल हैं. इन स्थानों पर हादसे बिल्कुल भी कम हो जाएंगे और आवागमन की सुविधा भी बढ़ जाएगी. प्राथमिक स्तर पर जो रिपोर्ट तैयार हो रही है. जबेरा व दमोह में तो पहले से ही बायपास है, उसे एनएचएआई के मापदंडों के मुताबिक तैयार किया जायेगा. दमोह के आगे नरसिंहगढ़ और बटियागढ़ में बायपास बनाया जायेगा, जिसके लिए एनएचएआई की टीम ने जमीनों का सर्वे कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक बटियागढ़ बाईपास को सीधे हीरापुर से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में यह मार्ग बढ़ी चढ़ाई और छोटी चढ़ाई से होते हुए टेड़ाआम के पास से गुजरता है. जिस पर हर दूसरे और तीसरे दिन हादसा होता है. करीब 10 किमी के इस रास्ते में चार खतरनाक मोड़ हैं और प्रशासन की ओर से इन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है.
नए डीपीआर में पुराने इस मार्ग को छोड़ा जा रहा है और बटियागढ़ बाईपास मार्ग से सीधा टेड़ाआम गांव के पास से जोड़ा जा रहा है. इसमें सभी मोड़ खत्म हो जाएंगे और पिछले 10 साल से निरंतर हो रहे सड़क हादसे बंद हो जाएंगे. बता दें कि जबलपुर-दमोह सड़क को नेशनल हाइवे में बदलने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मांग की थी. केन्द्रीय मंत्री श्री पटेल के अनुरोध पर 110 किलोमीटर लम्बा जबलपुर-दमोह सेक्शन सड़क परिवहन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सौंपा गया है. ओरछा-टीकमगढ़-हीरापुर (139 किलोमीटर) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 539 तथा हीरापुर-दमोह (82 किलोमीटर) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 34 की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट दिसंबर 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये थे और लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि मार्च 2023 तक कार्य की स्वीकृति मिल जाए. इन मार्गों के निर्माण से जबलपुर-दमोह-टीकमगढ़-ओरछा की कनेक्टिविटी राष्ट्रीय राजमार्ग से पूरी हो जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कटनी से जुड़े एक मामले में जबलपुर के गोरखपुर टीआई एसपीएस बघेल सहित अन्य की जांच के निर्देश
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