अभिमनोज. ज्यो-ज्यों लोकसभा चुनाव 2024 करीब आ रहे हैं, बागी बयानों के लिए चर्चित बीजेपी नेता वरुण गांधी को लेकर सियासी चर्चाएं बढ़ती ही जा रही है?
यह तो साफ है कि अब वरुण गांधी के लिए पॉलिटिकल यू टर्न आसान नहीं है और यू टर्न लें भी लें, तो बीजेपी से कुछ खास उम्मीदें बची नहीं हैं!
तो.... वरुण गांधी क्या करेंगे?
अभी अटकलों का बाजार गर्म है.... कांग्रेस में जाएंगे, सपा में जाएंगे या अपनी नई पार्टी बनाएंगे!
वैसे वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर कांग्रेस कुछ खास उत्सुक नहीं है, खबरों की मानें तो इस प्रेस-प्रश्न पर पिछले दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि- फैसला मल्लिकार्जुन खड़गे को करना है?
राहुल गांधी का तो यह भी कहना था कि- वरुण मेरा भाई है और उसकी विचारधारा से मुझे दिक्कत है!
सियासी सयानों का मानना है कि वरुण गांधी अपने आक्रामक बयानों के कारण युवा और किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, लिहाजा उनकी मौजूदगी से फायदा किसी का भी हो, नुकसान बीजेपी को होगा, यह तय है, लेकिन... कितना? यह समय बताएगा!
Varun Gandhi @varungandhi80
सरकार की उत्तरदायिता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बीच समन्वय ही मजबूत लोकतंत्र का आधार है.
न्यायिक व्यवस्था में निरंतर सुधार आवश्यक है पर कीमत उसकी स्वतंत्रता नहीं हो सकती. हर नियुक्ति की न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित होनी ही चाहिए.
इस विषय पर प्रकाशित मेरा यह लेख जरूर पढ़ें....
https://twitter.com/varungandhi80/status/1610129967798685696/photo/1
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सरकार की उत्तरदायिता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बीच समन्वय ही मजबूत लोकतंत्र का आधार है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) January 3, 2023
न्यायिक व्यवस्था में निरंतर सुधार आवश्यक है पर कीमत उसकी स्वतंत्रता नहीं हो सकती। हर नियुक्ति की न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित होनी ही चाहिए।
इस विषय पर प्रकाशित मेरा यह लेख जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/rVJHyI6pN0
जनता को मिलने वाली राहत पर ऊंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए: वरुण गांधी
अभिमनोजः वरुण गांधी का सवाल.... सांसदों पे करम, बुजुर्गों पे सितम, काहे?
साहेब का असली चेहरा और चाहत देखना हो तो.... वरुण गांधी को देख लो! चिराग पासवान को देख लो?
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