प्रदीप द्विवेदीः वरुण गांधी क्यों नहीं करते नेतृत्व परिवर्तन की बात? क्यों नहीं उठाते सर्वदलीय सरकार का मुद्दा?

प्रदीप द्विवेदीः वरुण गांधी क्यों नहीं करते नेतृत्व परिवर्तन की बात? क्यों नहीं उठाते सर्वदलीय सरकार का मुद्दा?

प्रेषित समय :21:00:47 PM / Sun, Jul 10th, 2022

जन की बात (पल-पल इंडिया)
बीजेपी सांसद वरुण गांधी जनता की समस्याओं को लेकर चिंतित हैं और विभिन्न समस्याओं को लेकर पीएम मोदी सरकार पर लगातार शब्दबाण भी चला रहे हैं, लेकिन इसके सियासी हश्र से शायद अनजान हैं?
जनहित के मुद्दों को लेकर वे पीएम मोदी सरकार के लिए भले ही आत्ममंथन की जरूरत बताएं, परन्तु हकीकत में तो सियासी भविष्य को लेकर वरुण गांधी को आत्ममंथन की जरूरत है?
वे राजनीति के शत्रुघ्न सिन्हा मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं, लिहाजा समय रहते कोई सियासी निर्णय नहीं ले पाते हैं, तो उनका भी सियासी हश्र वैसा ही होगा, क्योंकि मोदी टीम भले ही यह दिखा रही है कि वह वरुण गांधी को नजरअंदाज कर रही है, लेकिन उसकी पूरी नजर उन पर है? और.... जैसे ही सही समय आएगा, उन्हें बीजेपी से बाहर कर दिया जाएगा, क्योंकि बीजेपी में उनके परिवार की सियासी जरूरत खत्म हो चुकी है?
याद रहे, बीजेपी शुरू से ही दूसरे दलों के परिवारों को तोड़ कर सियासी फायदा उठाती रही है, जब बीजेपी को जरूरत थी, तब गांधी परिवार के विवाद का फायदा उठा कर मेनका गांधी को अपने साथ ले लिया, लेकिन अब बीजेपी को मेनका गांधी परिवार की जरूरत नहीं है?
इन आठ वर्षों में पीएम मोदी सरकार पूरी तरह से नाकामयाब हो गई है, देश की जनता बेहद नाराज है, इसलिए देश में इस वक्त जो आर्थिक, राजनीतिक हालात हैं, उनके मद्देनजर सभी दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत है, वरना.... श्रीलंका का उदाहरण हमारे सामने है?
सर्वदलीय सरकार के लिए यदि वरुण गांधी पहल करें तो देश की राजनीति को एक नई दिशा मिल सकती है?
सियासी सयानों का मानना है कि यदि वरुण गांधी सही समय पर सही सियासी फैसला नहीं कर पाते हैं, तो.... न तो वे देश की जनता, खासकर युवाओं को हक दिला पाएंगे और न ही अपनी राजनीतिक रक्षा कर पाएंगे!
देश की जनता के लिए बीजेपी सांसद वरुण गांधी @varungandhi80 ने ये महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं....
1- 800 आवश्यक एवं आम उपयोग वाली दवाइयों के दामों में वृद्धि के बाद अब अस्पतालों में इलाज भी महँगा हुआ.
रोटी महँगी, कपड़ा महँगा, मकान महँगा और अब इलाज महँगा हुआ.
स्वास्थ्य और शिक्षा तो बुनियादी आवश्यकता हैं. महंगाई के बोझ तले दबे आम आदमी को राहत कब मिलेगी?
आत्ममंथन की जरूरत है!
2- संघर्ष की भी सीमा होती है?
अभ्यर्थियों की मार्मिक पुकार सुनिए, नौकरी के लिए संघर्ष का एक वर्ष इनके लिए एक दशक से कम नहीं, अगर चयन प्रक्रिया में धांधली हुई तो उसे सुधार कर योग्य अभ्यर्थियों को नौकरी देने में देर क्यों? रिक्त पदों पर खर्च होते बजट, बेरोजगार युवा सड़क पर,आखिर कब तक?
3- आंकड़े झूठ नहीं बोलते!
देश की बेरोजगारी दर 7.8%, हरियाणा की बेरोजगारी दर 30.6%, 19 साल का हर दूसरा युवा बेरोजगार. प्रदेश में शिक्षकों के 50 हजार पद खाली.
अग्निवीर युवा 4 वर्षों के बाद बेरोजगारी के इन्हीं आंकड़ों का हिस्सा बन जाएँगे?
युवा बेरोजगारी के आंकड़ें या देश का भविष्य?
4- महज 4 घंटे की नींद, दो-दो शिफ्ट, विषम परिस्थितियों में ड्यूटी और सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं?
यह कहानी है देश के बॉर्डर की सुरक्षा करने वाले BSF के जवानों की!
20 से 22 हजार पद खाली, 20 सालों में प्रमोशन.
पिछले दस सालों में 1205 जवानों ने ली अपनी जान, फिर भी मेरा देश महान!
5- घरेलू सिलेंडर अब 1050 रु में मिलेगा!
जब देश में बेरोजगारी चरम पर है तब भारतवासी पूरी दुनिया में सबसे महँगी LPG खरीद रहे हैं?
कनेक्शन कॉस्ट 1450 रु से बढ़ाकर 2200 रु, सिक्योरिटी 2900 से बढ़ाकर 4400, यहाँ तक की रेगुलेटर तक 100 रु महँगा है!
गरीब की रसोई फिर धुएँ से भरने लगी है?
6- स्टार्टअप्स भारत में संघर्ष कर रहे है! 6 महीनों में 11000 युवाओं ने नौकरियाँ खोयी हैं, साल खत्म होते-होते यह आँकड़ा 60000 पार कर सकता है?
यूनिकॉर्न कंपनियों का मानना है कि अगले 2 वर्ष चुनौतीपूर्ण हैं!
युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा और वित्तीय नीतियों में सुधार आज वक्त की माँग है?
7- चूल्हे पर लकड़ियाँ जल रही हैं और लाल सिलेंडर सजावट की वस्तु बना हुआ है, गैस की पासबुक के पन्नों में महीनों से कोई एंट्री नहीं चढ़ी है, ये उन लाखों महिलाओं का दर्द है जिन्हें हमने ‘धुएँ से आज़ादी’ का सपना दिखाया था?
यह वही महिलाएँ हैं जिन्होंने हम पर सबसे अधिक भरोसा जताया था!
https://twitter.com/i/status/1545624024042315781
अभिमनोजः वरुण गांधी बोले- चूल्हे पर लकड़ियां जल रही हैं और लाल सिलेंडर सजावट की वस्तु बना हुआ है?

श्रीलंका की ताजा तस्वीर बनी सवालिया निशान? लिहाजा, समय रहते भारत में बने सर्वदलीय सरकार! 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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