देश की अनंत विविधताएं हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं: प्रधानमंत्री मोदी

देश की अनंत विविधताएं हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रेषित समय :15:46:25 PM / Thu, Feb 16th, 2023

दिल्ली. दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव आदि महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज का हित उनके लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है. उन्होंने कहा कि यह महोत्सव विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है. जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है.

पीएम मोदी ने सभी को आदि महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत की अनेकता और भव्यता आज एक साथ खड़ी हो गई हैं. यह भारत के उस अनंत आकाश की तरह है जिसमें उसकी विविधताएं इंद्रधनुष की तरह उभर कर सामने आ जाती हैं. यह अनंत विविधताएं हमें एक भारत श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैंने देश के कोने कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ अनेक सप्ताह बिताए हैं. मैंने आपकी परंपराओं को करीब से देखा भी है, उनसे सीखा भी है और उनको जिया भी है. आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है. आपके बीच आकर मुझमें अपनों से जुडऩे का भाव आता है.

पीएम मोदी अपने संबोधन में पीएम-विश्वकर्मा योजना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इस बार बजट में पारंपरिक कारीगरों के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना शुरू करने की घोषणा भी की गई है. पीएम-विश्वकर्मा के तहत आपको आर्थिक सहायता दी जाएगी, स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. अपने प्रॉडक्ट की मार्केटिंग के लिए सपोर्ट किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्गदर्शन करता है. आदि महोत्सव विविधता में एकता हमारे उस सामथ्र्य को नई ऊंचाई दे रहा है. यह विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है. आदिवासी हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को मैं इस आयोजन के लिए बधाई देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है. आज भारत विश्व को बताता है कि अगर आपको जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा देख लीजिए, आपको रास्ता मिल जाएगा. हम कैसे प्रकृति से संसाधन लेकर भी उसका संरक्षण कर सकते हैं इसकी प्रेरणा हमें हमारे आदिवासी समाज से मिलती है. भारत के जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और ये विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि ट्राइबल प्रोडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा बाजार तक आयें, इनकी पहचान बढ़े, इनकी डिमांड बढ़े, सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में तीन हजार से अधिक 'वन धन विकास केंद्रÓ स्थापित किए गए हैं. आज करीब 90 लघु वन उत्पादों पर सरकार एमएसपी दे रही है. 80 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्फ ग्रुप आज अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य हमारे जनजातीय भाई-बहन हैं और इनमें भी बड़ी संख्या हमारी माताओं-बहनों की है.

पीएम मोदी ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा को सरकार की प्राथमिकता बताया और कहा कि आदिवासी बच्चे देश के किसी भी कोने में हों, उनकी शिक्षा और उनका भविष्य मेरी प्राथमिकता है. 2004 से 2014 के बीच केवल 90 'एकलव्य स्कूलÓ खुले थे जबकि 2014 से 2022 तक हमने 500 से ज्यादा 'एकलव्य स्कूलÓ स्वीकृत किए हैं. इनमें से 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है और एक लाख से ज्यादा जनजातीय छात्र इन स्कूलों में पढ़ाई भी करने लगे हैं. आदिवासी युवाओं को भाषा की बाधा के कारण बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई का विकल्प भी खोल दिया गया है. अब हमारे आदिवासी बच्चे, आदिवासी युवा अपनी भाषा में पढ़ सकेंगे, आगे बढ़ सकेंगे.

आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड की एक वार्षिक पहल है. इस साल इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया जा रहा है. कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा.

महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगर भाग ले रहे हैं. पीएमओ ने कहा कि चूंकि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में जनजातीय समुदाय द्वारा उगाए गए 'श्री अन्नÓ को प्रदर्शित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

दिल्ली के पब्लिकेशन डिवीजन में नौकरी, असिस्टेंट एडिटर और प्रूफरीडर समेत कई पदों पर भर्ती

दिल्ली से कबड्‌डी खिलाड़ी से रेप, ब्लैकमेल कर 43 लाख रुपये भी ऐंठे

PM Modi ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया, कहा- यह विकसित भारत की भव्य तस्वीर

दिल्ली सरकार का डीडीए की कार्रवाई पर हस्तक्षेप, मंत्री ने दिए नए सिरे से सीमांकन के आदेश

केजरीवाल से बढ़ी तकरार, एलजी ने दो आप नेताओं को किया दिल्ली के प्राइवेट डिसकॉम्स से बाहर

दिल्ली के आबकारी घोटाले में वायएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद के बेटे को ईडी ने किया गिरफ्तार

Leave a Reply