ज्यादा देर तक बैठने से महिलाओं की पीठ में दर्द शुरू हो जाता है. अगर आप बैक पेन की वजहों का पता लगाकर कुछ आसान घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकती हैं. आइए जानते हैं पीठ, कमर में दर्द होने के कुछ अहम कारण, जिसकी मदद से आप बैक पेन को हमेशा के लिए गुडबाय कह सकती हैं.
पीरियड्स के समय: पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को बैक पेन की शिकायत होने लगती है. ऐसे में कमर में दर्द होने को पीरियड्स का शुरुआती संकेत भी माना जाता है. वहीं, पीरियड्स आने से पहले महिलाओं को सिर में दर्द, पैरों में दर्द, मूड स्विंग्स, फूड क्रेविंग्स और एंजायटी भी होती है.
एंडोमेट्रियोसिस: कई बार महिलाओं के गर्भाशय में एंडोमेट्रियोसिस नामक टिशू विकसित होने लगते हैं, जिसके चलते उन्हें बैक पेन का सामना करना पड़ता है. वहीं, एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं को डायरिया होने का भी डर रहता है. साथ ही एंडोमेट्रियोसिस से महिलाएं जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं.
प्रेग्नेंसी भी है वजह: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ता है. वहीं हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाओं की पीठ में दर्द होने लगता है. खासकर प्रेग्नेंसी के पांचवे और सातवें महीने में बैक पेन होना काफी कॉमन होता है.
मसल्स में खिंचाव आना: कई बार भारी चीज उठाने या अचानक मुड़ने से मसल्स में खिंचाव महसूस होता है. जिसके चलते आपको बैक पेन शुरु हो सकता है. वहीं मसल्स को ओवर स्ट्रेच करने से भी आपकी पीठ में दर्द होने लगता है.
साइटिका की समस्या: कमर में स्थित साइटिका को शरीर की सबसे लम्बी नसों में से एक माना जाता है. साइटिका नामक नस कमर को पैरों से जोड़ती है. वहीं कई बार साइटिका कमजोर या चोटिल भी हो जाती है. जिससे आपको बैक पेन, कमर में दर्द और सूजन की शिकायत हो सकती है.
पीठ के दर्द का उपाय: पीठ के दर्द से निजात पाने के लिए आप हीटिंग पैड या आईस पैक से बैक की सिकाई कर सकती हैं. वहीं रेगुलर स्ट्रेचिंग और डेली एक्सरसाइज की मदद से आप बैक पेन को अवॉयड कर सकती हैं. साथ ही सोते समय घुटनों के नीचे तकिया रखकर आप पीठ के दर्द से राहत पा सकती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गर्दन में रहता है दर्द, इन टिप्स से चुटकियों में मिलेगी राहत
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