अभिमनोज. सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर मीडिया की कवरेज पर रोक लगाने के लिए प्रस्तुत याचिका को खारिज कर दिया है.
खबरें हैं कि भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह मीडिया पर रोक नहीं लगा सकते, हम केवल इस मामले में अपना फैसला सुनाएंगे,
उल्लेखनीय है कि- यह याचिका एडवोकेट एलएल शर्मा की तरफ से दायर की गई थी.
खबरों की मानें तो याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एलएल शर्मा ने सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश देने की मांग की और लिस्टेड कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को रोकने के लिए एक गैग आदेश भी मांगा था.
याद रहे, भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं, जिन्होंने इससे पहले 17 फरवरी 2023 को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि- अदालत अपने दम पर एक समिति नियुक्त करेगी, क्योंकि सरकार के सीलबंद कवर सुझाव को स्वीकार करने से यह आभास हो सकता है कि यह सरकार की तरफ से नियुक्त की गई समिति है, इसी के मद्देनजर कोर्ट ने सीलबंद कवर में दिए गए सुझाव को भी खारिज कर दिया था.
जब तक कोई मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा न हो तब तक उससे जुड़ी प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए, मीडिया इसी में बड़ी भूमिका निभाता रहा है, इसलिए ऐसे प्रकरणों में मीडिया की कवरेज पर रोक नहीं लगानी चाहिए.
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है!
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