बोनसाई पॉलिटिक्स! 2023 नरेंद्र मोदी का, तो.... 2024 वसुंधरा राजे का?

बोनसाई पॉलिटिक्स! 2023 नरेंद्र मोदी का, तो.... 2024 वसुंधरा राजे का?

प्रेषित समय :22:01:26 PM / Mon, Mar 6th, 2023

प्रदीप द्विवेदी. वर्ष 2014 के बाद से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सियासी कद घटाने के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रयास लगातार जारी हैं, यह बात अलग है कि उनका सियासी कद कम होने के बजाए बढ़ गया है और विरोधी सियासी बौने साबित हो रहे हैं?
वसुंधरा राजे की टीम ने अब तक मोदी टीम का विरोध नहीं किया है, बल्कि अपने जन्मदिन पर शनिवार को चूरू के सालासर में विशाल जनसभा में राजे ने कहा कि- मैं संगठन की कार्यकर्ता के रूप में मोदीजी और नड्डाजी के नेतृत्व में चल रही हूं और आप सबको चला रही हूं!
लेकिन.... यदि सियासी समर्पण नहीं करनेवालों को निपटाने की नीति के तहत इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को नजरअंदाज किया गया, तो 2023 यदि मोदी टीम का है, तो.... 2024 वसुंधरा राजे टीम का होगा?
दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के टिकट वितरण में ही यह साफ हो जाएगा कि मोदी टीम वसुंधरा राजे को कितना महत्व देती है?
इस वक्त बीजेपी के आधे से ज्यादा वर्तमान विधायक वसुंधरा राजे के समर्थक हैं और इनमें से ज्यादातर बीजेपी के प्रादेशिक नेतृत्व के विरोध के बावजूद वसुंधरा राजे के कार्यक्रम में मौजूद रहे थे!
जाहिर है, यदि वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाता है और वसुंधरा समर्थकों पर ईडी का एक्शन हो, तो.... इसका मतलब है कि मोदी टीम वसुंधरा राजे को किनारे करके राजस्थान की सत्ता हासिल करने की कोशिश करेगी?
लेकिन.... सियासी सयानों का मानना है कि यदि वसुंधरा राजे को नजरअंदाज करके मोदी टीम ने राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा, तो बीजेपी को सत्ता नहीं मिलेगी, वैसे भी.... आज के हालात में सीएम अशोक गहलोत को मात देना आसान नहीं है!
यदि 2023 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को नजरअंदाज किया गया, तो.... पहली बार 2024 में वसुंधरा राजे टीम को अपना सियासी अस्तित्व बचाने के लिए लोकसभा चुनाव में मोदी टीम का खुलकर विरोध करना पड़ेगा?

पल-पल इंडिया, 6 मार्च 2023 को- साहेब! 2024.... 2019 या 2014 नहीं है, वसुंधरा राजे से उलझे, तो बड़ा नुकसान होगा?

में कहा था.... मोदी टीम की तमाम प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कोशिशों के बावजूद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शक्ति-प्रदर्शन में कामयाब रही हैं, उनकी सभा में करीब एक दर्जन सांसद, तो चार दर्जन से ज्यादा विधायक और पूर्व विधायक मौजूद रहे!
हालांकि, मोदी टीम ने सियासी इज्जत बचाने का रास्ता निकाला, लेकिन जो एक्सपोज होना था, वह तो हो ही गया?
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले बीजेपी में बतौर पीएम फेस लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान सहित करीब आधा दर्जन नाम सियासी चर्चाओं में थे, लेकिन उद्योगपति मित्रों के दम पर नरेंद्र मोदी सबसे आगे निकल गए!
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ज्यादातर बड़े नेता मोदी टीम की बोनसाई पॉलिटिक्स का शिकार हुए, या तो उन्होंने सियासी समर्पण कर दिया या उन्हें सियासी सन्यास आश्रम भेज दिया गया?
अब बीजेपी में योगी, वसुंधरा राजे जैसे बहुत कम नेता हैं, जो बोनसाई पॉलिटिक्स के जाल में अबतक नहीं फंसे हैं!
लोकसभा चुनाव 2014 तक नरेंद्र मोदी की जो पॉलिटिकल इमेज थी और जनता का जो भरोसा था, वह 2019 तक कम जरूर हुआ था, लेकिन एक मौका और दें, की अपील काम कर गई और नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बन गए? लेकिन.... अब ऐसा नहीं है, 2014 का पीएम मोदी का सियासी जादू हवा हो चुका है!
पिछले राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भी वसुंधरा राजे के लिए राह आसान नहीं थी, लेकिन सरकार ही कांग्रेस की बन गई, इसलिए मुद्दा ही खत्म हो गया.
लोकसभा चुनाव 2019 में वसुंधरा राजे का पूरा सहयोग रहा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद केंद्र के सियासी तेवर बदल गए, केंद्र के मंत्रिमंडल में राजस्थान से जिन्हें जगह मिली वे वसुंधरा राजे की सलाह से तो नहीं थे?
राजस्थान के प्रमुख मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की इस बात में दम है कि- केंद्र सरकार राजस्थान से पूर्व मुख्यमंत्री राजे को पूरी तरह से निपटाना चाहती है?
यदि ऐसा हुआ तो 2024 के लोकसभा चुनाव बीजेपी को बहुत भारी पड़ेंगे, क्योंकि....
एक- इस वक्त सारी लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं, लिहाजा सीटें बढ़ने की तो कोई गुंजाईश नहीं है, कम होने का खतरा जरूर है?
दो- वोट प्रतिशत के नजरिए से देखें तो राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर है, यदि वसुंधरा राजे ने सहयोग नहीं दिया, तो बहुत सारी सीटें बीजेपी के हाथ से निकल जाएंगी, क्योंकि वसुंधरा राजे के अलावा बीजेपी के पास कोई नेता नहीं है जिसका पूरे राजस्थान में प्रभाव हो?
सियासी सयानों का मानना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव तक सियासी गेंद मोदी टीम के पास है, लेकिन.... इसके बाद वसुंधरा टीम के पास होगी!
देखना दिलचस्प होगा कि 2023-24 की बीजेपी के अंदर की राजनीति राजस्थान में क्या रंग दिखाती है? 

काहे धमाल मचा रहा है.. #चौकीदार_ही_चोर_है ? कोई लाख करे चतुराई, करम का लेख मिटे ना रे भाई!  
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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