दिल्ली. केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को झटका देते हुए कोरोना महामारी के दौरान रोका गया अठारह महीनों के महंगाई भत्ते का एरियर नहीं देने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में सरकार ने जानकारी दी है कि कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काटकर सरकार ने जो 34,402.32 करोड़ रुपए बचाए हैं, सरकार ने उस पैसे का कोरोना महामारी से उबरने में उपयोग किया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं दी थी। इस पर सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मौजूदा समय में बजट घाटा एफआरबीएम एक्ट के प्रावधानों की तुलना में दोगुना है, इसलिए यह डीए देने का प्रस्ताव नहीं है।
सरकार का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते की तीन किस्तों को रोकने का निर्णय 1 जनवरी 2021 को कोविड-19 के संदर्भ में लिया गया था, ताकि सरकारी वित्त पर ज्यादा दबाव न पड़ें। लेकिन अभी भी सरकार का राजकोषीय घाटा दोगुने से भी अधिक स्तर पर चल रहा है। अभी सरकार को राजकोषीय घाटा से उबरने में कुछ और समय लग सकता है। वहीं कर्मचारी यूनियन सरकार से 18 महीने के डीए की मांग लगातार कर रही हैं।
एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने सदन को बताया कि महंगाई भत्ते का एरियर ना देकर सरकार ने 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत की है। इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना महामारी से पैदा हुआ आर्थिक असर से निपटने पर खर्च किया गया है। वहीं मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी में 7 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को बड़ी सौगात, महंगाई भत्ते में 9 प्रतिशत बढ़ोत्तरी..!
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