नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पवन खेड़ा के खिलाफ असम और यूपी में दर्ज तीन मामलों को क्लब कर दिया है. सभी केस अब लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिए गए हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा की 10 अप्रैल तक के लिए अंतरिम जमानत बढ़ा दी है.
दरअसल, पवन खेड़ा ने असम के अलावा यूपी के लखनऊ और वाराणसी में दर्ज केस को एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा है कि पवन खेड़ा न्यायिक अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं.
यह है पूरा मामला
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 22 फरवरी को मुंबई के एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के पिता का नाम दामोदर दास मोदी की जगह नरेंद्र गौतमदास मोदी बोल दिया था. इस बयान के बाद उनके खिलाफ लखनऊ, वाराणसी और असम में केस दर्ज हुए थे. पवन खेड़ा रायपुर में हुए अधिवेशन के लिए 23 फरवरी को जा रहे थे. वे दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे थे कि उन्हें असम पुलिस ने फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और बयान पर माफी मांगी थी. इसके बाद उन्हें अंतरित जमानत मिल गई थी.
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