जबलपुर- सदर में पिस्टल सहित लाखों की चोरी के मामले में क्राइम ब्रांच स्टाफ की संदिग्ध भूमिका, सिपाही सस्पेंड, जांच के आदेश

जबलपुर- सदर में पिस्टल सहित लाखों की चोरी के मामले में क्राइम ब्रांच स्टाफ की संदिग्ध भूमिका, सिपाही सस्पेंड, जांच के आदेश

प्रेषित समय :22:29:39 PM / Fri, Apr 7th, 2023

जबलपुर.थाना क्षेत्र सदर में एक घर पर पिस्टल सहित जेवर की हुई चोरी की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. टीम के एक आरक्षक ने पीडि़त को फर्जी सिम से धमकी भरे संदेश भेजना शुरू कर दिया. पीडि़त की शिकायत के बाद जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो उसमें यह सब बातें स्पष्ट हुई, जिसके बाद आरोपित आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है. आरोपी आरक्षक ने एक कबाड़ी के नाम से फर्जी सिमकार्ड खरीदवाया था. वहीं एक अन्य आरक्षक को कार्रवाई का पता चला तो वह अचानक छुट्टी पर चला गया है.

बताया गया है कि केन्ट क्षेत्र में रहने वाले समीर दीक्षित के घर में उस वक्त चोरी की वारदात हुई. जब वे अपनी माताजी की आंख का आपरेशन कराने के लिए हैदराबाद गए थे. हैदराबाद से जब वे अपने घर आए तो देखा कि घर का सारा सामान बिखरा पड़ा. आलमारी से लाइसेंसी पिस्टल व सोने के जेवर गायब थे. इस मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस की टीम पहुंच गई और जांच कर अज्ञात चोरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया था.

इस मामले में केन्ट थाने में 13 मार्च को प्रकरण दर्ज किया गया. केन्ट पुलिस के साथ इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम भी कर रही थी. इस दौरान पीडि़त को एक अनजान नम्बर से वाट्सअप काल और मैसेज आया. जिसमें चोरी से जुड़े प्रकरण को लेकर धमकी भरी बातें कही गई थीं. मामले की शिकायत पीडि़त ने पुलिस के आला अधिकारियों से की. जिसके बाद जांच शुरू की गई.

आरक्षकों को बचाने की होती रही कोशिश

बताया जाता है कि आरक्षकों की भूमिका का पता तो अधिकारियों को पहले ही लग चुका था, किंतु उन्हें बचाने के लिए काफी प्रयास किये गये, किंतु जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो अधिकारियों ने भी अपने हाथ पीछे कर लिये, जिसके बाद विभागीय कार्यवाही व जांच शुरू कर दी गई.

आरक्षक ने कबाड़़ी के नाम से ली थी सिम

जांच के दौरान पता चला कि जिस सिमकार्ड का उपयोग मैसेज और वाट्सएप काल करने के लिए किया गया था, वह सिम  एक कबाड़ी के नाम पर ली गई थी. जांच करने वाली टीम ने जब कबाड़ी को पकडकर पूछताछ की, तो पता चला कि वह सिमकार्ड उसने क्राइम ब्रांच में पदस्थ आरक्षक खेमचंद प्रजापति के कहने पर खरीदा था. इसी सिमकार्ड से मैसेज किए गए. पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगे, जिसमें प्रजापति सिमकार्ड के साथ नजर आया है. इस मामले में आरक्षक खेमचंद समेत एक अन्य आरक्षक की भूमिका भी संदिग्ध है. जैसे ही खेमचंद को निलंबित किया गया, तो दूसरा आरक्षक 15 दिन के अवकाश पर चला गया.

पुलिस का यह है कहना

वहीं इस मामले में एडीशनल एसपी क्राइम समर वर्मा का कहना है कि चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए एक टीम लगी थी. जिसके यहां चोरी हुई थी उसने शिकायत की थी कि उसके पास धमकी भरे संदेश आ रहे हैं जांच की गई तो इस मामले में प्रथम दृष्टया आरक्षक खेमचंद की संदिग्ध गतिविधि मिली. जिस वजह से उसे सस्पेंड कर दिया गया है. मामले में जांच की जा रही है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ भी कारवाई की जाएगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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