अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रिंकू ने कोलकाता नाइट राइडर की तरफ से जो आईपीएल में किया वो लगभग असंभव था. आखिरी ओवर में 5 छक्के जड़ कर रिंकू ने साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. महज 24 साल के रिंकू सिंह की कामयाबी बताती है कि अगर आपके इरादे पक्के हो और हौसले बुलंद हो तो आप को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.
जैसे ही कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत हुई अलीगढ़ में जश्न शुरू हो गया. रिंकू के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह आज बहुत खुश हैं. क्योंकि उनके बेटे ने ऐसा काम किया है जिसे लेकर पूरे देश के अंदर रिंकू की हर जगह तारीफ हो रही है. रिंकू ने हारी हुई कोलकाता नाइट राइडर्स को जिताने का काम किया है. रिंकू ने लगातार पांच छक्के लगा कर क्रिस गेल की बराबरी कर ली. गेल ने ये कारनामा साल 2012 में किया था.
मुझे बहुत खुशी हुई
रिंकू सिंह की मां वीणा देवी ने कहा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. जो कल उसने किया है मैंने कभी नहीं सोचा था. बहुत बढिय़ा लग रहा है कल जब उसने टीम को जीत दिलाई. तब मुझे बहुत खुशी हुई, मैं चाहती हूं कि वो अब इंडिया के लिए खेले.
5 छक्के मारते हुए देखा तो बहुत खुशी हुई
रिंकू के पिता खानचंद ने कहा, वह तीसरे नंबर का बेटा है. स्टार्टिंग में यह क्रिकेट ही खेलता था मैं उसे मना करता था कि क्रिकेट मैच खेलकर क्या करेगा पढ़ लिख ले, अगर कुछ बनना है इस पर उसका ध्यान पढऩे लिखने में नहीं था. जब मैंने इसे इधर उधर देखा स्टेडियम में देखा अच्छे रन बनाए तो सब लोगों ने कहा कि तुम्हारा लड़का अच्छा खेलता है. तब मैंने ऐसे मना किया कि काम करने की जरूरत नहीं है तू क्रिकेट खेल मैं गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करता हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि आज वह इतनी ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगा. मुझे अपने काम में जब भी जरूरत पड़ती थी तो मेरे साथ भी उसने सिलेंडर उठाने का काम किया है. उसके भाई ने उसको काम पर भी लगवाया लेकिन उसने काम करने से मना कर दिया. कल जब 5 छक्के मारते हुए मैंने उसे देखा तो बहुत खुशी महसूस की मेरा सीना चौड़ा हो गया. रिंकू की अभी शादी नहीं हुई है. मैं उससे इंडिया में खेलते हुए देखना चाहता हूं. रिंकू ने मुझे 5 साल पहले मना कर दिया कि पापा यह काम छोड़ दो, लेकिन मैंने मना कर दिया कि मेरे हाथ पर चलते रहेंगे इसलिए मैं अपना काम करता हूं.
पिता के साथ बांटते थे गैस सिलेंडर
रिंकू सिंह अपने मां-बाप की 6 संतानों में से तीसरे नंबर के हैं रिंकू सिंह 5 भाई और एक बहन है. 24 साल के रिंकू सिंह ने अपने जीवन का संघर्ष देखा है पिता को घर-घर सिलेंडर पहुंचाते तो बड़े भाई को ऑटो चला कर गुजारा करते देखा है. यहां तक कि खुद भी बल्ला घुमाने से पहले झाड़ू पहुंचा लगा चुके हैं. रिंकू के पिता गैस हॉकर का काम करते थे तो उनके साथ रिंकू घर घर जाकर सिलेंडर लगाया करते थे. रिंकू वही गैस गोदाम के एक छोटे से क्वार्टर में ही रहता है. रिंकू बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे. अलीगढ़ में छोटे-छोटे ग्राउंड में क्रिकेट खेलने वाले रिंकू धीरे-धीरे बड़ा टूर्नामेंट खेलने लगे और उसके बाद वह यूपी टीम में चयनित हुए.
ऐसे चमकी रिंकू की किस्मत
रिंकू आईपीएल करियर के बीते 5 साल के दौरान चोट की मार से लेकर बीसीसीआई के नियम उल्लंघन को लेकर सस्पेंशन तक झेल चुके हैं. रिंकू का क्रिकेट खेलना परिवार को पसंद नहीं था. हालांकि उसके पिता खुद क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और एक क्रिकेटर थे. 2012 में एक स्कूल टूर्नामेंट में जब रिंकू ने बाइक जीती तो घरवालों का मन बदलने लगा. शुरुआत में क्रिकेट से जो पैसा कमाया वह कर चुकाने में चला गया. अलीगढ़ से निकल आईपीएल पहुंचने वाला रिंकू पहला खिलाड़ी बना. जिसे इतने पैसे मिले कि घर परिवार में कभी किसी ने न देखे थे. कर्ज चुकाने के बाद रिंकू ने जमीन लेकर घर बनवाया और अपने घर की सारी दिक्कतें दूर कराई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आईपीएल: अजिंक्य रहाणे के धमाल के दम पर चेन्नई ने मुंबई को 7 विकेट से हराया
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