पूजा पाठ में हनुमान चालीसा का बहुत ही महत्व है हनुमान चालीसा के सरल शब्दों से राम भगत हनुमान जी को बहुत ही जल्द प्रसन्न कर सकते है हनुमान चालीसा के द्वारा मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है हनुमान चालीसा की 40 पंक्तियां हमारे किसी भी काम को सिद्ध कर सकती है.
हनुमान जी को कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ा. इसलिए कोई भी व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या महिला हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा पूर्वक करके हनुमान जी की कृपा आसानी से प्राप्त कर सकता है यही कारण है की हनुमान जी का पूजा पाठ में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. हनुमान चालीसा का पाठ विधि पूर्वक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और दुष्ट लोगो से रक्षा होती है.
श्री हनुमान चालीसा पाठ का 21 दिन का संकल्प कैसे लें ?
सबसे पहले मंगलवार या शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे फिर उठने के बाद अपने नित्य कर्म से निपटने के बाद नहा धोकर साफ सुथरे कपडे धारण करे और एक आसान बिछा कर बैठ जाये और एक जल से भरे पात्र, फूल व चावल भी ले ले ध्यान रखे की घर के मंदिर में साफ सफाई होनी जरुरी है.
प्रभु की मूर्ति या फोटो जो भी आपके पास हो उसे अपने मंदिर में रख ले फिर उन्हें सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर तिलक करे अगर घर में श्री हनुमान जी की मूर्ति या फोटो न हो तो मानसिक पूजा करे फिर धूप दीप करके श्री गणेश जी की आराधना करे फिर प्रभु श्री राम का स्मरण करे या आप चाहे तो राम नाम की धुन कर सकते है और दाहिने हाथ में चावल और फूल लेकर श्री हनुमान जी के ध्यान मन्त्र का जप करे जो की है :-
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामगृगण्यम.
सकलगुणनिधानं वानराणामधिशम, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
ॐ हनुमते नमः ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि.
मन्त्र उच्चारण के बाद हाथ में लिए हुए चावल व फूल हनुमान जी को अर्पित कर दे उसके बाद हनुमान जी को प्रणाम करके हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प ले. अब संकल्प के लिए अपने दाहिने हाथ में जल पात्र से जल , फूल व चावल ले और अपनी आँखे बंद करके प्रभु का स्मरण करके मन में संकल्प करे. संकल्प में जिस दिन पूजन कर रहे है उस वर्ष, उस तिथि, उस वार, उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोले.
अब अपने हाथ में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दे. उदाहरण के तौर पर जैसे हम आज की तिथि को श्री हनुमान चालीसा का संकल्प ले रहे है तो इस प्रकार संकल्प ले. में (अमुक नाम) अमुक माह की अमुक पक्ष की अमुक तिथि को अमुक नक्षत्र में भारत देश की अमुक राज्य के अमुक जिले में अपने स्वयं के घर (जहां जहा आप पूजन कर रहे है उस स्थान का नाम ले) में इस मनोकामना से (अपनी मनोकामना बोले) श्री हनुमान जी का पूजन कर रहा हु और हनुमान चालीसा का संकल्प ले रहा हुं.
संकल्प करते समय प्रभु के सामने आपको तय करना होता है की आप कितनी बार हनुमान चालीसा का संकल्प के दौरान जाप करेंगे, यानि आप 7, 11, 21, 51, 101, 108 आदि के हिसाब से निर्धारित कर सकते है और हर रोज 21 दिन तक प्रभु के सामने धुप दीप करके भोग लगाकर आसान पर बैठ कर श्रद्धापुर्वक पाठ कर सकते है.
संकल्प लेने के बाद आप प्रभु की आरती उतारकर उन्हें प्रसाद का भोग लगा सकते है, प्रसाद में आप हनुमान जी का सबसे प्रिय गुड़-चना, बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू, चूरमे के लड्डू या थाल आदि का भोग लगा सकते है.
हनुमान चालीसा पाठ के संकल्प के नियम क्या है ?
हनुमान जी नियमो को मानने वाले देवता है इसलिए हनुमान जी की पूजा में नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए आइये जानते है क्या है नियम :-
संकल्प या व्रत के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करे,
मांस मदिरा से दूर रहे,
प्याज लहसुन का परहेज करे,
मन के शुद्ध विचार लाये कोई पाप ना करे,
घर के मंदिर में साफ सफाई का विशेष ध्यान दे,
लघुशंका जाने के बाद बिना नहाये पूजा ना करे,
अगर घर में किसी भी तरह का सूतक हो तो संकल्प ना ले (जैसे किसी की मृत्यु या जन्म पर),
महिला भक्त मासिक धर्म के दौरान संकल्प न ले या संकल्प के पाठ ना करे.
अगर आपके संकल्प के दौरान सूतक या मासिक धर्म की समस्या आ जाये तो सूतक या मासिक धर्म के समाप्त होने के बाद आप अपना संकल्प जारी कर सकते है. प्याज व लहसुन से बनी किसी भी चीज़ का भोग प्रभु के ना लगाए , ज्यादा से ज्यादा प्रभु का स्मरण करे मंगलवार या शनिवार के दिन श्री हनुमान जी के मंदिर में जाकर दर्शन जरूर करे.
, दिल से पाठ करेंगे तो हनुमान जी आप पर अपनी कृपा जरूर करेंगे और आपकी हर मनोकामना को पूरी करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हनुमानजी के पांच सगे भाई भी थे, जानिए उनके नाम ?
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