श्री हनुमान गायत्री मंत्र एक अदभुत और अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है. इस मंत्र के नियमित जाप करने वाले हनुमान भक्त पर महावीर हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है..
अगर आप सम्पूर्ण श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करतें हैं तो यह अत्यंत शुभ फलदायक होता है.
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहितन्नो हनुमत् प्रचोदयात्
अर्थ - हम देवी अंजनी के पुत्र और पवन के पुत्र से प्रार्थना करते हैं. भगवान हनुमान हमें ज्ञान और बुद्धि की ओर ले जाइए.
हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने के लाभ
संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले विवाहित जोड़े, जो गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
शनि की साढ़े साती के दुष्प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति को इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
भगवान हनुमान शक्ति, सहनशक्ति, निष्ठा और भक्ति के अवतार हैं, इसलिए हनुमान गायत्री मंत्र का जाप आपको उनके जैसे गुणों को विकसित करने में मदद करेगा.
चूंकि यह मंत्र किसी भी तरह की दुर्घटना से बचाव करता है, इसलिए यात्रा पर जाते समय हमेशा इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ कैसे करें?
हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ आप नियमित रूप से रोजाना करें.
आप प्रातः काल और संध्या काल तक हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ कर सकते हैं.
एक दम प्रातः काल में हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है.
आप हनुमान जी की मूर्ती या फिर तस्वीर के सामने बैठकर हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करें.
सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ और पवित्र होकर ही हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करें.
आप 108 बार श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करें.
पाठ करते समय आप अपने ह्रदय को स्वच्छ और हनुमान जी में लगाएं रखें.
पूर्ण रूप से श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करें.
मंगलवार के दिन श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करना अत्यंत ही शुभ फलदायक होता है.
हनुमान जयन्ती, के दिन भी श्री हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करें.
हनुमान गायत्री मंत्र के जाप के पश्चात आप श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी करें
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