राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ग्राम रामतरई के किसान दूलचंद साहू के खाद-बीज से भरा मालवाहक पिकअप (सीजी 08 वाय-9424) को छुड़ाने के लिए खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने परिवहन विभाग के दुर्ग वाले उडऩदस्ता दल को अपना मंगलसूत्र ही सौंप दिया. हद तो तब हो गई जब दस्ता में शामिल अधिकारियों ने उसे रख भी लिया. इस खबर के बाद प्रशासनिक व राजनीतिक हल्के में जबर्दस्त चर्चा है.
घटना 9 मई मंगलवार शाम लगभग चार बजे डोंगरगांव मार्ग पर जंगलपुर की है. राजनांदगांव से खाद-बीज लेकर किसान अपने खुद के मालवाहक से घर लौट रहा था. तभी परिवहन विभाग के उडऩदस्ते ने जांच के लिए वाहन को रोका. ओवरलोड बताकर चालानी कार्रवाई की बात कही गई. आरोप है कि किसान से 42 हजार रुपये की मांग की गई. असमर्थता जताते हुए किसान ने वाहन छोडऩे का आग्रह किया. इसपर अधिकारी नहीं माने, तो किसान ने सीधे विधायक छन्नी को फोन लगाया. तब वे सिंघोला में आयोजित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में व्यस्त थीं. इसी बीच उन्होंने परिवहन अधिकारियों को फोन लगाकर वाहन छोडऩे का आग्रह किया. जिसके बाद वाहन छोडऩे के लिए हां तो कहा गया, लेकिन वाहन छोड़ा नहीं गया.
सीधे पहुंची परिवहन कार्यालय
घंटेभर बाद किसान दूलचंद ने विधायक को दोबारा फोन लगाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. तब तक उडऩदस्ता किसान के मालवाहक को पेंड्री स्थित कार्यालय में ले जा चुका था. विधायक छन्नी सीधे वहां जा धमकी. वहांं भी उन्होंने किसान के वाहन को छोडऩे का आग्रह किया, लेकिन चालान कट चुका कहकर मना कर दिया गया. चालान 42 हजार रुपये का काटा गया था.
अधिकारी को सौंपकर लौट गईं
कई प्रयास के बाद भी जब बात नहीं बनी तो विधायक ने यह कहकर अपना मंगलसूत्र परिवहन अधिकारी के हाथ में सौंप दिया कि चालान की राशि मंगलसूत्र बेचकर वसूल कर ली जाए. शेष राशि बाद में उन्हें लौटा देना. उनके विधायक होने की जानकारी होने के बाद भी अधिकारी ने मंगलसूत्र रख लिया. उसके बाद विधायक लौट गईं. विधायक छन्नी ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि परिवहन अधिकारियों ने किसान के साथ इस तरह का अन्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वे इस मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगी.
नियमानुसार कार्रवाई की गई
उडऩदस्ता प्रभारी विकास शर्मा का कहना है कि उक्त वाहन में लगभग दो टन ओवरलोड था. इसके अलावा फिटनेस व पाल्युशन सर्टिफिकेट समेत अन्य कागजात भी नहीं दिखाया गया. इस कारण उसे जब्त कर स्थानीय कार्यालय में अभिरक्षा में रखा गया है. हमने कार्रवाई नियमानुसार ही की है. बाद में विधायक के परिवहन कार्यालय पहुंचने की जानकारी मिली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-SC से छत्तीसगढ़ सरकार को मिली बड़ी राहत, सरकारी नौकरी में 58% आरक्षण पर लगी रोक हटाई
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