पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8302755688). दक्षिण भारत में जब-जब चुनाव होते हैं, तो राजस्थान के राजनेताओं की सक्रियता इसलिए बढ़ जाती है कि- दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में प्रवासी राजस्थानी अच्छीखासी संख्या में हैं और असरदार भी हैं. यही वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी के बड़े और प्रभावी राजनेताओं की चुनाव के दौरान सियासी सेवाएं ली जाती है.
कर्नाटक के चुनाव में सियासी तनावग्रस्त बीजेपी ने अपने राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए राजस्थान के कई प्रमुख नेताओं को सक्रिय किया है, पंजाब केसरी में राजस्थान के प्रमुख पत्रकार रघु आदित्य की खास रिपोर्ट है....
बेंगलुरु में भाजपा को प्रवासी राजस्थानियों से आस! इसमें बताया गया है कि.... कर्नाटक में अपनी सरकार बचाने की कवायद में जुटी भाजपा को इस बार प्रवासी राजस्थानियों से ज्यादा आस है. खासकर राजधानी क्षेत्र बेंगलुरु में ही तकरीबन 20 लाख राजस्थानी हैं, जिन्हें साधने के लिए राजस्थान से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया व केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी का बेड़ा यहां कई दिनों तक डेरे डाले रहा, कांग्रेस के पक्ष में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि हैं.
कर्नाटक में वोटिंग.... कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के तहत करीब एक महीने चले प्रचार अभियान के बाद अब प्रदेश की जनता की बारी आई है, जो बुधवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद करेगी, इसके बाद 13 मई 2023 को पता चलेगा कि कर्नाटक की सत्ता का ताज भारतीय जनता पार्टी बरकरार रख पाती है या कांग्रेस उससे यह ताज छीनने में सफल रहती है!
#KarnatakaAssemblyElection2023 किसके सितारे बुलंद हैं? कांग्रेस की किस्मत चमकेगी या भाजपा का भाग्य साथ देगा?
#KarnatakaAssemblyElection2023 रघु आदित्य- कर्नाटक वीरशैव लिंगायत फोरम ने दिया कांग्रेस को समर्थन, भाजपा को बड़ा झटका!
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