भोपाल. शहर के भेल दशहरा मैदान पर रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में जाट समुदाय के लोग जुटे. सम्मेलन में मुख्य अतिथि केे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए. सीएम के साथ प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, अभय सिंह चौटाला, विक्रम वर्मा भी सम्मेलन में पहुंचे. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी सम्मेलन में पहुंचे.
कार्यक्रम के दौरान जाट समुदाय के प्रतिनिधियों ने सीएम को मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र में तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन, तेजाजी की जयंती पर सामूहिक अवकाश. चुनाव में भाजपा जाट समाज के 10 लोगों को टिकट दे. ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करें. जाटों का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करें जैसी मांगें शामिल हैं.
सीएम शिवराज ने कहा कि सच्चा देशभक्त और निर्भीक जाट समाज है. वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन और एक दिन का ऐच्छिक अवकाश घोषित करेंगे. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में परीक्षण कर भूमि देंगे. चुनाव में जाट समुदाय के लोगों को टिकट देने की मांग पर सीएम शिवराज ने कहा कि टिकट देने में मैं असमर्थ हूं. ये पार्टी का निर्णय रहता है. स्कूलों में जाटों का इतिहास पढ़ाया जाएगा.
मैं घोषणा मशीन नहीं - कमल नाथ
जाट समुदाय की प्रतिनिधियों ने कमल नाथ को भी मांग पत्र पढ़कर सुनाया. इस पर कमल नाथ ने कहा - ये वीरों की महासभा है. हमें समाज के साथ देश की भी सोचना है. हमारी जोडऩे की संस्कृति है. यही हमें एक झंडे के नीचे रखती है. हमें संस्कृति, संविधान और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करनी है. कमल नाथ घोषणा मशीन नहीं. मैं क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं. मैं घोषणा नहीं करुंगा, अगले कार्यक्रम में मैं हिसाब दूंगा. आज का नौजवान रोजगार चाहता है. यह प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती. इसका हम सामना करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP में मौसम बिगड़ा, अगले चार दिन जबलपुर, भोपाल में बरसेंगे बदरा, यहां गिरे ओले
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