मणिपुर - इंफाल में फिर हिंसा, उपद्रवियों ने 18 दिन बाद कई घर फूंके, कर्फ्यू लगा, सेना बुलाई गई

मणिपुर - इंफाल में फिर हिंसा, उपद्रवियों ने 18 दिन बाद कई घर फूंके, कर्फ्यू लगा, सेना बुलाई गई

प्रेषित समय :17:59:52 PM / Mon, May 22nd, 2023

इंफाल. मणिपुर में 18 दिन बाद एक बार फिर हिंसा हुई. राजधानी इंफाल के न्यू लम्बुलेन इलाके में सोमवार को उपद्रवियों ने कुछ खाली पड़े घरों में आग लगा दी. हिंसा को देखते हुए सरकार ने इलाके में सेना तैनात कर दी. प्रशासन ने इन इलाकों में कर्फ्यू भी लगा दिया है. साथ ही 26 मई तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा हुआ. इसके बाद उपद्रवियों ने कुछ घरों में आग लगा दी. स्थिति पर नियंत्रण के लिए पैरामिलिट्री फोर्स और सेना को बुलाना पड़ा. राज्य में हिंसा की वजह से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. सरकार ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दे रखा है.
17 मई को मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई थी. कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत, सुरक्षा, पुनर्वास पर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की हैं. गर्मी की छुट्?टी खत्म होने के बाद जुलाई में कोर्ट एक बार फिर इस मामले की सुनवाई करेगी.

3 मई से जारी है हिंसा

मणिपुर में 3 मई को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके से हिंसा भड़की थी. इस दिन ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था. चुरचांदपुर में 4 मई को मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह के कार्यक्रम से पहले प्रदर्शनकारियों ने उनके मंच पर तोडफ़ोड़ और आगजनी की. इसके बाद राज्य के 10 से अधिक जिलों में हिंसक झड़प हुई थी.

हिंसा में अब तक 71 मौतें

हिंसक घटनाओं में अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है. 230 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं और 1700 घरों को जला दिया गया. हिंसा के बाद से ही यहां इंटरनेट बंद है.

हिंसा का यह है कारण

मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं. मणिपुर के लगभग 10% क्षेत्रफल में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है. मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की डिमांड पर विचार करें और 4 महीने के भीतर केंद्र को रिकमेंडेशन भेजें. इसी आदेश के बाद मैतेई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर ने एक रैली निकाली. जो बाद में हिंसक हो गई.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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