#Jaipur जयपुर पंचांग- 4 जून 2023, सूर्योपासना से प्राप्त होती है... जीवन शक्ति!

#Jaipur जयपुर पंचांग- 4 जून 2023, सूर्योपासना से प्राप्त होती है... जीवन शक्ति!

प्रेषित समय :20:25:48 PM / Sat, Jun 3rd, 2023

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* पंचदेवों में से एकमात्र प्रत्यक्ष देव सूर्य की पूजा-अर्चना से जीवन शक्ति प्राप्त होती है, जीवन ऊर्जावान बनता है क्योंकि शेष सारे ग्रह सूर्यदेव से ही ऊर्जा प्राप्त करते हैं.
* विभिन्न राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से प्रसिद्धि/प्रतिष्ठा  प्राप्त होने के साथ साथ विविध लाभ भी होते हैं.
* मेष राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से संतान सुख और ज्ञान सुख प्राप्त होता है.
* वृष राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से घर/वाहन आदि भौतिक सुख प्राप्त होते हैं.
* मिथुन राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से पदोन्नति/पराक्रम की प्राप्ति होती है.
* कर्क राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से धन संचय का लाभ मिलता है.
* सिंह राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.
* कन्या राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से विदेश जाने के और वहां प्रसिद्धि प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होते हैं तथा व्यय नियंत्रण का लाभ मिलता है.
* तुला राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से धनलाभ होता है.
* वृश्चिक राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से उत्तम रोजगार के अवसर मिलते हैं, कर्मक्षेत्र में सम्मान मिलता है.
* धनु राशि/लग्न वालों का सूर्योपासना से भाग्योदय होता है तथा धर्मलाभ मिलता है.
* मकर राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से सर्वकष्टों से मुक्ति मिलती है.
* कुंभ राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से पारिवारिक सुख-शांति प्राप्त होती है.
* मीन राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से ऋण, रोग और शत्रु से मुक्ति मिलती है.
॥आरती श्री सूर्यदेव॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन.
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी.
दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली.
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी.
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा.
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी.
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै.
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन.
जयपुर पंचांग- 4 जून 2023
* तिथिपूर्णिमा- 09:12:41 तक, नक्षत्र ज्येष्ठा- 27:23:17 तक, करण बव- 09:12:41 तक, बालव- 19:59:23 तक, पक्ष शुक्ल, योग सिद्ध- 11:58:03 तक, वार रविवार
* सूर्योदय 05:32:36, सूर्यास्त 19:17:39
* चन्द्र राशि वृश्चिक- 27:23:17 तक, चन्द्रोदय 19:48:59
* शक सम्वत 1945, विक्रम सम्वत 2080
* राहुकाल 17:34:31 से 19:17:39 तक
* शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:57:37 से 12:52:38 तक
* दिशा शूल पश्चिम
* ताराबल- अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
* चन्द्रबल वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ
रविवार का चौघडिय़ा-
दिन का चौघडिय़ा                रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग                           पहला- शुभ
दूसरा- चर                             दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ                           तीसरा- चर
चौथा- अमृत                           चौथा- रोग
पांचवां- काल                         पांचवां- काल
छठा- शुभ                              छठा- लाभ
सातवां- रोग                          सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग                        आठवां- शुभ
चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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