भोपाल. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कोरोना संबंधी प्रकरणों को लेकर लोगों को एक बड़ी राहत दी है. सरकार ने निर्णय लिया है कि कोरोना काल में पूर्णकालिक व अंशकालिक लाकडाउन के दौरान कोविड संबंधी प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर जो 11000 से अधिक प्रकरण दर्ज किए थे, उन्हें वापस लिया जाएगा. इसके लिए विभिन्न न्यायालयों में लोक अभियोजक के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे.
गुरुवार को गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में सरकार के इस निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बारात निकालने, दुकान खुली रखने, एक स्थान पर निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के एकत्र होने जैसे कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन पर आपदा नियंत्रण, महामारी नियंत्रण अधिनियम और आइपीसी की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए थे. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ इस संबंध में बैठक हुई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार की तरह ही प्रकरण वापस लेने पर सहमति बनी थी. इलाहाबाद हाइकोर्ट ने भी इस संबंध में सुझाव दिया था कि जो मामले गंभीर प्रकृति के नहीं हैं, उन्हें वापस लेने पर विचार किया जा सकता है. गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक सप्ताह में केस वापस लेने संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे.
हुक्का बार पर प्रतिबंध के लिए विधेयक लाएगी सरकार
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि हुक्का बार, लाउंज प्रतिबंधित करने के लिए सिगरेट, तंबाकू विज्ञापन प्रतिषेध, व्यापार, वाणिज्य उत्पादन प्रदाय एवं वितरण विनियमन 2023 विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से संशोधन विधेयक के प्रारूप पर अनुमति मिल गई है. 10 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल से मंजूरी मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में समलैंगिक विवाह का विरोध
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