नई दिल्ली. ओडिशा में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे को लेकर देश भर के 270 पूर्व नौकरशाहों, जजों और सेना के पूर्व अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर हादसे में षड्यंत्र की आशंका जताई है। पत्र में90 के दशक और 2000 के शुरुआती सालों में भी रेलवे ट्रैक पर देशविरोधी ताकतों की छेड़छाड़ से हुए हादसों का हवाला दिया गया है। पत्र में इन सभी लोगों ने रेलवे ट्रैक के पास अवैध अतिक्रमण सहित रेलवे ट्रैक के किनारे अवैध कब्जा करने वालों को हटाने की मांग की है। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और पूर्व डीजीपी एसपी वेद्या ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में सैबोटेज से लेकर हर पहलू पर जांच करने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखने वाले अधिकतर आईएएस आईपीएस अधिकारियों ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए फोर्सेज के प्रॉपर डेप्लॉयमेंट की वकालत की है। साथ ही यह भी कहा है कि सीबीआई की जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। पत्र में कहा गया है कि हादसे का कारण जानबूझकर की गई तोड़ फोड़ और टेरर भी हो सकता है। बता दें कि हादसे के बाद से लगातार यह सवाल उठ रहे थे कि यह घटना रेलवे की लापरवाही से हुई है या फिर किसी बहुत बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। मामले की पूरी तहकीकात करने के लिए पहले कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी ने जांच के आदेश दिए और उसके तुरंत बाद सीबीआई से इसकी जांच कराने का फैसला किया गया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य, पूर्व रॉ चीफ संजीव त्रिपाठी, एनआईए के पूर्व निदेशक वाईसी मोदी, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक पीसी डोगरा, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित समेत 270 पूर्व अधकारियों ने देश की सुरक्षा के मसलों पर अपना पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ओडिशा: नुआपाड़ा में दुर्ग-पुरी एक्सप्रेस के कोच में लगी आग, कोई हताहत नहीं