कोलकाता. पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव की तारीखों के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवजनम की बेंच ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन अवधि बढ़ाने से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की और इस बारे में फैसला लेने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग पर छोड़ दी.
वहीं पंचायत चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किए जाने की मांग पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि जहां-जहां राज्य पुलिस कम है, वहां केंद्रीय बल तैनात होने चाहिए. कोर्ट ने इसके साथ ही पंचायत चुनाव में इस बार सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा, जहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगेगा वहां पर पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी.
विपक्षी दलों ने लगाई थी याचिका
बता दें कि बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनावों में नामांकन की तारीख बढ़ाने और केंद्रीय बलों की तैनाती सहित कई मांगों को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने विपक्ष की याचिका को खारिज कर पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की समय सीमा बढ़ाने के आयोग के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. विपक्ष ने इसके साथ ही पंचायत चुनाव में एक रिटायर्ड पूर्व न्यायाधीश को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त करने की भी मांग की थी. कोर्ट ने उस मांग को भी खारिज कर दिया.
15 जून नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने 8 जून को घोषणा की थी कि पंचायत चुनाव के लिए मतदान 8 जुलाई को होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 जून होगी. वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके (विपक्षियों के) उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं और हिंसा पर उतारू हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आईपीएल: यशस्वी-संजू सैमसन की आंधी में उड़ी कोलकाता नाइटराइडर्स
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