राजकोट. अरब सागर का चक्रवात बिपरजॉय जैसे-जैसे तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे उसकी गति में वृद्धि हो रही है। इसके आगे बढ़ने की गति पांच किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 12 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो गई है। कच्छ से केरल तक इसका असर भी दिखने लगा है। यह गुजरात के तट तक गुरुवार को पहुंचेगा, लेकिन तेज हवा के साथ वर्षा शुरू हो गई है। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगी हैं। तेज हवाओं की वजह से पेड़ उखड़कर गिरने लगे हैं।
चक्रवात तूफान बिपरजॉय का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते गुजरात में राज्य सरकार लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में तेज हवा, भारी वर्षा एवं ऊंची-ऊंची लहरों की आशंका से समुद्र तट से 10 किलोमीटर तक के गांवों को पूरी तरह खाली कराया जा रहा है। अब तक कच्छ, द्वारका, राजकोट, मोरबी, जामनगर, पोरबंदर एवं जूनागढ़ से लगभग 41 हजार लोगों को अस्थायी शिविरों में भेज दिया गया है। कांडला पोर्ट पूरी तरह खाली करा लिया गया है। लोगों को गोपालपुर एवं गांधीधाम स्थित शिविरों में भेजा गया है। राज्य के तटीय जिलों एवं मुंबई में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। सेना को भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
द्वारा मंगलवार तक 8 जिलों से 37,000 से अधिक लोगों को शेल्टर होम भेज दिया गया. क्योंकि बिपरजॉय के खतरे की आशंका को देखते हुए कई सरकारी एजेंसियों ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय जिलों पर बड़ा अलर्ट जारी किया हुआ है. आशंका जताई जा रही है कि जखाऊ में गुरुवार की शाम 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
अब तक कुल 5 लोगों की मौत
जैसे-जैसे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तटीय जिलों की तरफ बढ़ रहा है. वैसे-वैसे मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. मंगलवार को दो मौतें होने के बाद अब तक कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, पूर्वानुमान के अनुरूप, चक्रवात अब “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” से कमजोर हो गया है, लेकिन राज्य में प्रवेश करने पर “व्यापक क्षति हो सकती है.” आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात से कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा (20 सेमी से अधिक) हो सकती है.
राज्य के राहत आयुक्त ने कहा कि विस्थापितों में से अधिकांश कच्छ में 14,088, देवभूमि द्वारका में 5,000, राजकोट में 4,000, मोरबी में 2,000, जामनगर में 1,500 से अधिक, पोरबंदर में 550 और जूनागढ़ जिले में 500 थे. इनमें करीब 284 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. कच्छ प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को देखते हुए समुद्र तट के 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 7,278 और लोगों को बुधवार को स्थानांतरित किया जाएगा. सात तालुकों के 120 गांवों में 12 जून को निकासी शुरू हुई थी.
95 ट्रेनें हुईं रद्द
पश्चिम रेलवे ने एक बयान में कहा कि गुजरात के बिपरजोय प्रभावित क्षेत्रों से चलने वाली, वहां से जाने वाली या समाप्त होने वाली लगभग 95 ट्रेनें 15 जून तक रद्द या शॉर्ट-टर्मिनेटेड रहेंगी. इससे पहले, सोमवार को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्रा ने कहा, ‘हम चक्रवात ‘बिपरजॉय’ की लगातार निगरानी कर रहे हैं. हमने अपने मुख्यालय में एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और भुज, गांधीदम, पोरबंदर और ओखा में एडीआरएम भी तैनात किए हैं.’ चक्रवात के “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” के रूप में लैंडफॉल करने की उम्मीद है. महापात्रा ने कहा, “नुकसान की संभावना व्यापक हो सकती है. छह मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंचने वाली ज्वार की लहरें सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों को डूबा सकती हैं.” आईएमडी ने गिर राष्ट्रीय उद्यान और अन्य प्रसिद्ध स्थानों जैसे सोमनाथ मंदिर में भी कड़ी निगरानी की सिफारिश की है.
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